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पतंजलि पर क्यों भड़क गई सुप्रीम कोर्ट कहा- ‘गलत दावा किया तो…’

सुप्रीम न्यायालय (Supreme Court) ने हर्बल उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को कई रोगों के संबंध में अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में ‘झूठे’ और ‘भ्रामक’ दावे करने के प्रति मंगलवार को आगाह किया न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा न्यायालय ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगी…’

शीर्ष न्यायालय ने टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के विरुद्ध योग गुरु रामदेव पर अभियान का इल्जाम लगाने वाली आईएमए की याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय तथा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी किया था संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद से बोला कि वह चिकित्सा की आधुनिक पद्धतियों के विरुद्ध भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित न करें

तो हर प्रोडक्ट पर 1 करोड़ जुर्माना लगा देंगे
न्यायालय ने बोला कि यदि यह गलत दावा किया जाता है कि किसी विशेष रोग को ठीक किया जा सकता है तो पीठ प्रत्येक उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है शीर्ष न्यायालय ने केंद्र की ओर से पेश वकील से भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों के मामले का निवारण तलाशने को कहा, जहां कुछ रोंगों का परफेक्ट उपचार करने वाली दवाओं के बारे में दावे किए जा रहे हैं

पीठ अब IMA की याचिका पर अगले वर्ष 5 फरवरी को सुनवाई करेगी शीर्ष न्यायालय ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए एलोपैथी और एलोपैथिक डॉक्टरों की निंदा करने के लिए रामदेव की कड़ी निंदा की थी और बोला था कि उन्हें डॉक्टरों और इलाज की अन्य प्रणालियों को बदनाम करने से रोका जाना चाहिए

क्या है पूरी कहानी?
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने बोला था, ‘गुरु स्वामी रामदेव बाबा को क्या हुआ है?…हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया हम सभी इसे करते हैं लेकिन, उन्हें दूसरी पद्धति की निंदा नहीं करनी चाहिए’

पीठ ने बोला था, ‘‘इसकी क्या गारंटी है कि आयुर्वेद, जो भी पद्धति वह अपना रहे हैं, वह काम करेगी? आप ऐसे विज्ञापनों को देखते हैं जिनमें सभी डॉक्टरों पर ऐसे इल्जाम लगाए जाते हैं मानो वे हत्यारे हों बड़े-बड़े विज्ञापन दिए गए हैं’ IMA ने कई विज्ञापनों का हवाला दिया था, जिनमें कथित तौर पर एलोपैथ और डॉक्टरों को गलत ढंग से दिखाया गया था

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