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मीडिया वालों के लिए टीचर बन गए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव गुरुवार को मीडिया कर्मियों के सामने एक टीचर की भूमिका में नजर आए। वह मंत्रालय स्थित अपने दफ्तर में ही व्हाइटबोर्ड पर मार्कर से बदलते भारत की तस्वीर खींचते नजर आए। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा तीन सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने की मंजूरी देने के बाद वैष्णव पत्रकारों को यह समझा रहे थे कि भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में क्या बदलाव आने जा रहा है और चिप की जरूरत को पूरा करने के लिए भारत आयात पर निर्भरता को कैसे कम कर सकता है।

वैष्णव ने कहा, तीन प्रस्ताव देश के लिए एक बड़ी छलांग हैं। उन्होंने कहा, “यह भारत के लिए एक निर्णायक क्षण है जो आत्मनिर्भर भारत के वादे को रेखांकित करता है। इससे भारत दुनिया में एक प्रमुख सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर सकेगा।”

बता दें कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को 1.26 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ गुजरात और असम में तीन सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इनमें टाटा समूह और जापान की रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स की परियोजनाएं शामिल हैं। चिप की जरूरत को पूरा करने के लिए भारत की आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है।केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रस्तावों को मंजूरी देने के बाद दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रक्षा, ऑटोमोबाइल और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों के लिए चिप बनाने वाली इन इकाइयों का निर्माण कार्य अगले 100 दिनों में शुरू हो जाएगा। तीनों इकाइयां ‘सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण परिवेश का विकास’ कार्यक्रम के तहत स्थापित की जाएंगी। इस कार्यक्रम के तहत 76,000 करोड़ रुपये तक की सरकारी सहायता दी जाती है।टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी। इस संयंत्र की स्थापना गुजरात के धोलेरा में की जाएगी। इसमें 91,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। संयंत्र की क्षमता प्रति माह 50,000 वेफर्स का उत्पादन करने की होगी। टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (टीसैट) 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेगी।

वैष्णव ने यह भी बताया कि सीजी पावर – जापान की रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाएगी। साणंद संयंत्र में 7,600 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। मंत्रिमंडल ने पिछले साल जून में साणंद में सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए माइक्रोन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

ये मंजूरियां भारत को दुनिया का चिप विनिर्माता बनाने और ताइवान जैसे देशों पर निर्भरता कम करने की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। वैष्णव ने कहा कि धोलेरा स्थित टाटा संयंत्र इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), दूरसंचार, रक्षा, ऑटोमोटिव, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक और डिस्प्ले के लिए 28 एनएम तकनीक के साथ उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूट चिप बनाएगा।इस तरह असम इकाई में वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और मोबाइल फोन के लिए चिप बनाए जाएंगे। सीजी पावर सेमीकंडक्टर इकाई उपभोक्ता, औद्योगिक उत्पादों, वाहन और बिजली अनुप्रयोगों के लिए चिप बनाएगी। उन्होंने कहा कि भारत के सेमीकंडक्टर मिशन ने बहुत ही कम समय में चार बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। इन इकाइयों के साथ, भारत में सेमीकंडक्टर परिवेश स्थापित हो जाएगा।वैष्णव ने कहा कि इन तीन इकाइयों से प्रत्यक्ष रूप से 20,000 उन्नत प्रौद्योगिकी नौकरियां तैयार होंगी और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 60,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि माइक्रोन की साणंद इकाई का निर्माण तेजी से चल रहा है।

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