BJP की राजनीति को लेकर TMC नेता माजिद मेनन ने हमला बोला
सुप्रीम न्यायालय के आदेशानुसार ही चलना होगा
अब यह मथुरा और काशी की बात कर रहे हैं तो उच्चतम न्यायालय का आदेश तो उस पर लागू नहीं होता। इसके अतिरिक्त 1991 के पूजा स्थल अधिनियम भी है। जो 15 अगस्त 1947 के पहले के धार्मिक स्थल में किसी भी तरह के परिवर्तन को गैर कानूनी और गलत करार दिया है। हालांकि बीजेपी के एक सांसद इस कानून को भी रद्द करने की मांग कर चुके हैं। इस मुद्दे में केंद्र को भी खुलकर सामने आना चाहिए, लेकिन यह सब एक कानूनी प्रक्रिया के अनुसार होगा। मोदी या योगी के सदन में बयान दे देने से इसका कोई मतलब नहीं बनता।
धर्म के अतिरिक्त बीजेपी के पास कोई और मामला नहीं
मथुरा और काशी में मंदिर बनाने की बातें बीजेपी और योगी आदित्यनाथ का सियासी बयान है क्योंकि उन पर बीजेपी और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का भारी दवाब है। योगी जी जिस यूपी के सीएम हैं, वहां पर 80 सीट में से 75 सीट का हड़ताल दर रखने का दबाव है। इस काम को पूरा करने के लिए उनके पास और मामले क्या ही हैं? मंदिर के अतिरिक्त अयोध्या, काशी और मथुरा पर भी इसलिए बयान दे रहे हैं कि जनता बस इसी धर्म के भ्रम में फंसकर बीजेपी को वोट दे देगी लेकिन यह गलत सोच है। यूपी की जनता समझदार है।
उत्तराखंड में UCC बिल को लेकर कहे माजिद मेनन
उत्तराखंड में UCC बिल को लेकर माजिद मेनन से जब बात की गई तो उन्होंने बोला कि एक सीएम होने के नाते धामी को यह अधिकार है कि संख्या बल के आधार पर वो कोई बिल पास करवाकर राज्य के लिए कानून बना लें। लेकिन UCC को लेकर यदि किसी का विरोध होगा तो वो उत्तराखंड छोड़कर आसपास के राज्यों में चल जाएगा। जहां UCC कानून नहीं लागू होगा। ऐसे में तो उत्तराखंड और आसपास के राज्यों में पूरी तरह से अफरा-तफरी मच जाएगी। एक राज्य में UCC कानून बनाने से कोई लाभ नहीं होगा। इस कानून को उत्तराखंड राज्य के लोग ही पूरी तरह से नहीं मानेंगे।
NDA से जयंत चौधरी के हाथ मिलाने को लेकर कहे माजिद मेनन
NDA से जयंत चौधरी के हाथ मिलाने को लेकर मेनन ने बोला कि मैं जयंत चौधरी को अच्छे से जनता हूं। मुम्बई में INDIA की बैठक में उनसे मुलाकात हुई थी। वे और उनके पिता बीजेपी के कट्टर विरोधी हैं। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आएगा, बीजेपी के लोग राष्ट्र में इस तरह के बयान देकर भ्रम फैलाएंगे। INDIA alliance की पार्टियां गठबन्धन छोड़कर NDA में जा रही हैं। भाजपा कहती है कि जयंत चौधरी के साथ डील फाइनल है तो कभी चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण से डील पक्की होने की बात करती है। इन नेताओं का अमित शाह और नड्डा से मिलने से कोई फर्क नही पड़ता। पहले औपचारिक तौर पर NDA में शामिल होने के कुछ सबूत सामने आए तब बात किया जाए। यह बीजेपी की सब हवा-हवाई हैं।