इंटरनेट इस्तेमाल करने में बच्चों की उम्र वेरिफाइ करने और उनके पैरेंट्स की अनुमति के लिए अब होगी इस सिस्टम की शुरुआत
ऑनलाइन सर्विसेज का इस्तेमाल करने में बच्चों की उम्र वेरिफाइ करने और उनके पैरेंट्स की अनुमति लेने के लिए अब आधार बेस्ड सिस्टम की आरंभ हो सकती है।
यह प्रस्ताव केंद्र गवर्नमेंट के आनें वाले डाटा प्रोटेक्शन रूल्स में दिया गया है। इसके अतिरिक्त डाटा ब्रीच की जानकारी यूजर्स को देने के लिए एक टू स्टेज नोटिफिकेशन का मानक भी इसमें शामिल है।
परामर्श के लिए 19 दिसंबर को होगी बैठक
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय डाटा प्रोटेक्शन रूल्स पर विचार-विमर्श करने के लिए तैयार है। इससे संकेत मिलता है कि डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट भी जल्द ही ऑपरेशनल हो सकता है जिसे अगस्त में नोटिफाई किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्रालय 19 दिसंबर को इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ इन पर परामर्श करेगा।
बता दें कि अगस्त में नोटिफाई किए गए अधिनियम को क्रियान्वित करने के लिए कम से कम 25 नियम बनाने की आवश्यकता है। गवर्नमेंट को हर उस प्रावधान के लिए नियम बनाने का अधिकार दिया गया है जिसे वह मुनासिब समझती है। इनमें से एक बच्चों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल करने से पहले उनकी उम्र वेरिफाइ करने के लिए एक कंसेंट फ्रेमवर्क विकसित करना है।
इन दो उपायों से हो सकता है वेरिफिकेशन
इसे लेकर एक्ट के मुताबिक कंपनियों को 18 साल से कम उम्र के किसी बच्चे को उनके प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की अनुमति देने से पहले उन्हें ऐसा पैरेंटल कंसेंट लेना होगा जिसे वेरिफाई किया जा सके। हालांकि एक्ट में अभी ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया गया है जिसके जरिए ये प्लेटफॉर्म उम्र वेरिफाई कर सकें। बताया जा रहा है कि नियमों में दो उपायों की सिफारिश की जा सकती है।
एक तरीका बच्चों के अभिभावकों के डिजिलॉकर एप का इस्तेमाल करना है, जो उनके आधार कार्ड की जानकारियों पर आधारित है। वहीं दूसरा तरीका एक इलेक्ट्रॉनिक टोकन सिस्टम तैयार करना है जिसकी अनुमति तभी मिलेगी यदि गवर्नमेंट इसे अधिकृत करेगी।
पहले ढंग के अनुसार अभिभावकों को डिजिलॉकर पर उनके बच्चों की जानकारी जोड़ने की अनुमति दी जाएगी। यह तय करने के लिए कि उनकी वेबसाइट को एक्सेस कर रहा आदमी कोई बच्चा तो नहीं है, प्लेटफॉर्म एप पर पिंग कर सकेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बोला कि इससे वेबसाइट यूजर की आधार डिटेल्स नहीं जान पाएंगी।