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अगले चार दिनों तक कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में होगी भारी बर्फबारी

2023-24 की सर्दियों के दो महीने से अधिक समय के बाद, धरती के स्वर्ग, कश्मीर में बर्फबारी प्रारम्भ हो गई है. पिछले शनिवार 27 जनवरी से ही हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, लेह, कारगिल आदि इलाकों में भी भारी बर्फबारी हो रही है. अगले 48 घंटों के दौरान भी कश्मीर समेत हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम आदि में बर्फबारी के साथ बारिश होने की आसार हैयह जानकारी मौसम विभाग के कश्मीर केंद्र के सूत्रों ने दी है बर्फबारी प्रारम्भ होने के साथ ही ऐसी खबरें आ रही हैं कि जम्मू और कश्मीर के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, लेह, कारगिल, बाल्टिस्तान आदि में पारा शून्य डिग्री से नीचे चला गया है.

मौसम विभाग के कश्मीर केंद्र के निदेशक लोटस सोनम ने श्रीनगर से गुजरात समाचार को विशेष जानकारी देते हुए बोला कि 2023-24 की सर्दियों के दौरान नवंबर और दिसंबर के अतिरिक्त जनवरी के अंत तक कश्मीर में बर्फबारी नहीं हुई | यानी 27 जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ फैक्टर हिमालय में एक्टिव नहीं हुआ यदि पश्चिमी विक्षोभ कारक नहीं आया तो पूरे हिमालय में बर्फबारी नहीं होगी. यदि हिमालय में बर्फबारी नहीं होगी तो ठंडी हवाएं पूरे राष्ट्र तक नहीं पहुंचेंगी, जिसके परिणामस्वरूप पूरे हिंदुस्तान में मामूली सर्दी का अनुभव नहीं होगा. यह संकेत चिंताजनक हैं कि हिंदुस्तान के मनोरंजक सर्दियों के मौसम में दो महीने से अधिक की देरी हो गई है. फूल, फल, विभिन्न कृषि फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा. हिंदुस्तान में 2023-24 की सर्दी 123 वर्ष बाद इतनी गर्म रही है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डाक्टर मृत्युंजय महापात्र ने दिसंबर की आरंभ में ऐसी समाचार दी थी कि दिसंबर 2023 से लेकर महाराष्ट्र समेत राष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों में भयंकर शीत लहर (गंभीर शीत लहर) फैलने की आसार बहुत कम है फरवरी 2024. 1901 में हिंदुस्तान में फरवरी, अगस्त, नवंबर के गर्म होने का रिकॉर्ड है. अब 2023 में यानी 123 वर्ष बाद प्राकृतिक कारक हिंदुस्तान में सर्दियों में वैसा ही गर्म मौसम बना रहे हैं.

लोटस सोनम ने यह भी विशेष जानकारी दी कि प्राकृतिक परंपरा के मुताबिक कश्मीर सहित पूरे हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ कारक का असर दिसंबर में ही प्रारम्भ हो जाता है और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, शिमला आदि में भारी बर्फबारी होती है. पूरे हिमालय क्षेत्र मेंचादर ओढ़ लो पूरा वातावरण भी बर्फ से ढक जाता है. ठंड का पारा शून्य से नीचे चला जाता है.  भारत में पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर (जिसे भूमध्य सागर बोला जाता है) और कैस्पियन सागर में अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफानों के कारण होता है. पश्चिमी विक्षोभ कारक के कारण पूरे भारतीय उपमहाद्वीप (जिसे हिंदुस्तान खंड बोला जाता है) और उत्तर-पश्चिमी हिंदुस्तान में भारी बर्फबारी होती है. कड़ाके की सर्दी का एहसास करेंमौसम विभाग के श्रीनगर केंद्र के सूत्रों ने जानकारी दी है कि 27 जनवरी से कश्मीर के गुलमर्ग, सोनमर्ग, खिलानगर, पहलगांव, कुपवाड़ा, अनंतनाग, श्रीनगर आदि इलाकों में बर्फबारी प्रारम्भ हो गई है सभी में दो फीट से अधिक बर्फ गिर चुकी है कश्मीर के ये स्थान, पहाड़, ढलान, सड़कें, घर, पेड़, नदियाँ, झरने आदि बर्फीले हो गए हैं. जहाँ तक हम देख सकते हैं वहाँ बर्फ की एक विशाल सफेद चादर बिछी हुई है.

मौसम विभाग (दिल्ली केंद्र) के सूत्रों ने जानकारी दी है कि पश्चिमी विक्षोभ इस समय पृथ्वी के क्षोभमंडल (समुद्र तल से 15 किमी की दूरी को क्षोभमंडल कहते हैं) को प्रभावित कर रहा है साथ ही एक निम्न दबाव की बेल्ट भी बन गई है. इन बदले हुए प्राकृतिक कारकों के व्यापक असर के कारण अगले चार दिनों (3 से 6 फरवरी) के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश भारी गड़गड़ाहट, तूफानी हवाएं और बर्फबारी का अनुभव होगा. ओलावृष्टि का कारण बनने वाले प्राकृतिक कारक घूम रहे हैं.अगले 48 घंटों के दौरान कश्मीर के उत्तर-पश्चिमी पहाड़ी इलाकों में 8-12 इंच तक भारी बर्फबारी की संभावना है जबकि मैदानी इलाकों में तीन (3) इंच तक बर्फबारी के संकेत हैं हालांकि, 6 से 13 फरवरी के दौरान मौसम शुष्क रहने की आसार है.  मौसम विभाग के श्रीनगर केंद्र के सूत्रों ने जानकारी दी कि आज कश्मीर का प्राकृतिक गर्म जगह गुलमर्ग माइनस 10.6 डिग्री तक ठंडा हो गया है पहलगांव – माइनस 8.3, अनंतनाग – माइनस 5.5, कुकेरनाग – माइनस 5. .4, कुपवाड़ा – माइनस 2.4, श्रीनगर शहर – माइनस 1.7, लेह – माइनस 8.7, कारगिल – माइनस 12.2 डिग्री सेल्सियस.

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