देश की पहली सांसद, पति उसके ही सुरक्षा गार्ड, सांसद बोली…
राष्ट्र की पहली सांसद बन गई हैं भरतपुर की संजना जाटव. जिसके पति कप्तान सिंह को उनका सुरक्षा गार्ड बनाया गया है. मतलब अब वे सांसद पत्नी के PSO लगा दिए गए हैं. अब हमेशा पत्नी की सुरक्षा भी करेंगे और पति का फर्ज भी निभाएंगे. सिर्फ़ 25 वर्ष की उम्र में सांसद बन मैं संसद में पहली बार गई तो बड़ा अच्छा लगा. सबसे मिलने का कोशिश किया. लेकिन कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी से पहली मुलाकात हुई. करीबी से बैठकर उन्होंने मुझसे बात की. बहुत खुशी मिली. मैं स्वयं अचंभित रह गई जब उन्होंने ये पूछा कि आप विधानसभा के चुनाव में 409 वोट से रह गई थी. भरतपुर की सीट को लेकर बोला कि आपने अच्छा चुनाव लड़ा. बोला कि आप खूब तरक्की करोगे. कोई भी बात हो तो आप मुझे बता सकते हैं.
संजना ने बोला कि वहां सब सांसद बैठते हैं. पीएम को भी वहां निकट से देखा. मुझे तो बहुत कुछ सीखना है. जब पहली बार शपथ ली तो थोड़ा घबरा गई थी. बाकी बहुत अच्छा लगा. सबको देखकर अच्छा लगा. राष्ट्र का नेतृत्व करने वाले सब मिले. शपथ लेते समय थोड़ा लगा. मतलब घबरा गई थी. यूथ में इकरा सहित कई सांसदों का नाम लेकर बोला कि उनसे अच्छी मुलाकात हुई है.
संजना के पति पुलिस कांस्टेबल
संजना के पति कप्तान सिंह राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल हैं. जिनकी चुनाव के समय थानागाजी में ड्यूटी थी. सांसद बनने के बाद संजना को सुरक्षाकर्मी मिलना था. इसके लिए उन्होंने पति कांस्टेबल को ही पीएसओ लगा लिया. संजना के दो बच्चे हैं. परिवार में सब हैं. संजना स्वयं एलएलबी कर चुकी हैं.
भरतपुर सांसद संजना जाटव कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ.
संजना ने बोला कि मेरे पति मेरे साथ में ड्यूटी करते हैं. अब पति मेरी ताकत हैं. वो पहले भी साथ थे. सांसद बनने के बाद मैं कुछ नहीं बदली. काम जरूर बढ़ गए हैं. लेकिन मेरे व्यवहार वही है.
जाट आरक्षण का मामला सबसे पहले उठाऊंगी
संजना ने बोला कि संसद में अपने क्षेत्र की आवाज पुरजोर बल ढंग से उठा रही हूं. भतपुर और धौलपुर में जाट समाज को आरक्षण के मामले को लगातार संसद में उठाऊंगी. बाकी सारे जिलों के जाट समाज को आरक्षण प्राप्त है. लेकिन धौलपुर और भरतपुर के जाट समाज को आरक्षण क्यों नहीं.
सांसद संजना जाटव पति, बच्चों के साथ सांसद हनुमान बेनीवाल.
दलित समुदाय से आने वाली संजना जाटव की विवाह 2016 में अलवर जिले की कठूमर विधानसभा क्षेत्र के गांव समूची निवासी कप्तान सिंह से हुई थी. कप्तान सिंह राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर अलवर के थानागाजी पुलिस स्टेशन पर कार्यरत हैं. संजना उनके दो बच्चे हैं. संजना के ससुर हरभजन कांट्रेक्टर हैं. ससुर ने ही पढ़ी लिखी बहू को राजनीति में लेकर आना तय किया. इसके बाद अलवर के जिला पार्षद के वार्ड 29 से चुनाव जीता. पति कप्तान ने बराबर मोटिवेट किया था. फिर पार्षद का कार्यकाल बनने से पहले उनको कठूमर से विधानसभा का टिकट मिल गया. वे सिर्फ़ 409 वोट से हारी. बाद में पार्टी ने भरतपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा दिया और वे 51 हजार वोट से जीत गई. जबकि ये सीएम भजनलाल का गृह जिला है.