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राज्यसभा में दूरसंचार विधेयक 2023 हुआ पास, 138 साल पुराने कानून की लेगा जगह

 संसद ने बृहस्पतिवार को उस विधेयक को स्वीकृति प्रदान कर दी जिसमें गवर्नमेंट को राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर दूरसंचार सेवाओं को अस्थायी रूप से नियंत्रित करने की अनुमति देने और उपग्रह स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए गैर-नीलामी मार्ग प्रदान करने जैसे प्रावधान हैं दूरसंचार विधेयक, 2023 को राज्यसभा ने ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी लोकसभा ने बुधवार को संक्षिप्त चर्चा के बाद इसे पारित किया था यह विधेयक गवर्नमेंट को सार्वजनिक आपातकाल के मुद्दे में या सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर दूरसंचार नेटवर्क को अपने कब्जे में लेने की भी अनुमति देता है इसके अलावा, यह सार्वजनिक आपातकाल के मुद्दे में, जनता के भलाई में एवं क्राइम करने के लिए उकसावे को रोकने की खातिर संदेशों के प्रसारण को रोकने और उनके ‘इंटरसेप्टिंग’ का भी प्रावधान करता है

विधेयक के अनुसार, केंद्र या राज्य सरकारों से मान्यता प्राप्त संवाददाताओं के प्रेस संदेशों को तब तक रोका या ‘इंटरसेप्ट’ नहीं किया जाएगा जब तक कि उनके प्रसारण पर लोक प्रबंध को लेकर लागू नियमों के अनुसार प्रतिबंध नहीं हो राष्ट्र में 138 वर्ष पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को खारिज कर नया कानून बनाने के लिए लाए गए दूरसंचार विधेयक, 2023 हुई चर्चा का उत्तर देते हुए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बोला कि हिंदुस्तान का दूरसंचार क्षेत्र बहुत मुश्किल वाले दौर में था लेकिन पिछले साढ़े नौ सालों में इसे वहां से बाहर लाया गया है उन्होंने बोला कि पहले इस क्षेत्र पर घोटालों की कालिख लगती थी लेकिन आज यह उदीयमान क्षेत्र बना है उन्होंने बोला कि पीएम नरेन्द्र मोदी की नीतियों के कारण दुनिया में सबसे तेज गति से 5जी यहां लागू किया गया और इसके लिए जिन उपकरणों का इस्तेमाल किया गया वह हिंदुस्तान में बने हैं उन्होंने बोला कि इस विधेयक में कई सुधारों को जारी रखा गया है और इसके द्वारा इस क्षेत्र में एक व्यापक बदलाव लाने का कोशिश किया गया है

मुश्किल दौर से निकलकर एक उभरता हुआ क्षेत्र बना दूरसंचार

इस विधेयक में कंज़्यूमरों और उनके हितों को ध्यान में रखकर प्रावधान किए गए हैं वैष्णव ने बोला कि इस विधेयक को औपनिवेशिक काल के दो कानूनों को बदलने और ‘नए भारत’ की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लाया गया है उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साढ़े नौ वर्ष में हिंदुस्तान का दूरसंचार क्षेत्र घोटालों से घिरे बहुत कठिन दौर से निकलकर एक उभरता हुआ क्षेत्र बन गया है” उन्होंने यह भी बोला कि इसी अवधि के दौरान दूरसंचार टावरों की संख्या 2014 के महज छह लाख से बढ़कर 25 लाख हो गई है, जबकि इंटरनेट ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 1.5 करोड़ से बढ़कर 85 करोड़ हो गई है उन्होंने उच्च सदन में बोला कि ‘राइट ऑफ वे’ को स्वीकृति देना बहुत चुनौतीपूर्ण काम था, लेकिन मोदी के नेतृत्व में सुधार किए गए वैष्णव ने बोला कि इसका नतीजा यह हुआ कि 85 फीसदी टावरों को स्वीकृति अब एक बटन दबाकर दी जाती है और समय अवधि पहले के 230 दिन से घटाकर औसतन 10 दिन कर दी गई है मंत्री ने बोला कि इस तरह के सुधारों के कारण हिंदुस्तान के दूरसंचार क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है

दूरसंचार क्षेत्र में करप्शन को दूर करेगा

वैष्णव ने कहा, “इस विधेयक में सभी सुधारों को जारी रखा गया है और दूरसंचार क्षेत्र में गौरतलब परिवर्तन लाने का कोशिश किया गया है” उन्होंने बोला कि यह विधेयक बहुत व्यापक है और यह बड़े संरचनात्मक सुधार लाने के साथ-साथ दूरसंचार क्षेत्र में करप्शन को दूर करेगा वैष्णव ने बोला कि मोबाइल टेलीफोन व्यावहारिक रूप से जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन गया है, चाहे वह बैंकिंग हो या टिकट बुक करना या स्वास्थ्य सेवा, कंज़्यूमरों को फर्जीवाड़ा से बचाने की जरूरत है उन्होंने बोला कि विधेयक के जरूरी पहलुओं में से एक यह भी है कि यदि कोई सिम हासिल करने के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स देता है तो उसे तीन वर्ष की कारावास और 50 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है

वैष्णव ने बोला कि इसी तरह का जुर्माना उन लोगों के लिए प्रस्तावित किया गया है जो ‘सिमबॉक्स’ का इस्तेमाल करके फर्जीवाड़ा में शामिल होते हैं, जिसमें कई सिम कार्ड रखे जा सकते हैं उन्होंने बोला कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके किसी के टेलीफोन नंबर की नकल करने और फर्जीवाड़ा गतिविधियों में शामिल होने के मामलों में ऐसी ही सजा और जुर्माने का प्रावधान है विधेयक में उपभोक्ता शिकायतों के लिए औनलाइन टकराव निवारण पर भी ध्यान दिया गया है मंत्री ने बोला कि इसके अलावा, यह दूरसंचार क्षेत्र के लिए लाइसेंस सुधारों से भी संबंधित है पारदर्शी नीलामी प्रणाली के साथ स्पेक्ट्रम आवंटन में सुधारों का उल्लेख करते हुए वैष्णव ने कहा, “अब स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिए किया जाएगा

आत्मा की तरह स्पेक्ट्रम शाश्वत और अमर है

मंत्री ने बोला कि आत्मा की तरह स्पेक्ट्रम शाश्वत और अमर है और राष्ट्र के भलाई में इसका अधिकतम इस्तेमाल होना चाहिए ‘इंटरसेप्शन’ पर सांसदों की चिंता का उत्तर देते हुए वैष्णव ने बोला कि इसमें कई नियंत्रण और संतुलन हैं यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करता है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों की किरदार साफ रूप से निर्दिष्ट है इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है यह नया विधेयक भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम 1950 की स्थान लेगा

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50 लाख रुपये तक का जुर्माना

विधेयक के अनुसार, यदि कोई राष्ट्रीय सुरक्षा, दूसरे राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के भलाई के विरुद्ध किसी भी तरह से काम करता है और गैरकानूनी रूप से दूरसंचार उपकरणों का इस्तेमाल करता है, तो उसे तीन वर्ष तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है या दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या दोनों सजा दी जा सकती है विधेयक में बोला गया है कि यदि केंद्र गवर्नमेंट मुनासिब समझती है तो ऐसे आदमी की दूरसंचार सेवा निलंबित या खत्म भी कर सकती है इसके साथ ही कोई भी जरूरी दूरसंचार बुनियादी ढांचे के अतिरिक्त दूरसंचार नेटवर्क को हानि पहुंचाता है, वह हानि के एवज में मुआवजे और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा

विधेयक में बोला गया है कि केंद्र गवर्नमेंट द्वारा अधिकृत कोई भी अधिकारी किसी भी इमारत, वाहन, जहाज, विमान या जगह की तलाशी ले सकता है, जहां उसे कोई अनधिकृत दूरसंचार नेटवर्क या दूरसंचार उपकरण या रेडियो उपकरण रखने या छिपाये जाने का भरोसा हो साथ ही आपात स्थिति में मोबाइल सेवाओं और नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी विधेयक में प्रावधान हैं नये विधेयक में उपग्रह स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए गैर नीलामी मार्ग प्रदान करने का भी प्रावधान है विधेयक में कंज़्यूमरों को सिम कार्ड जारी करने से पहले जरूरी रूप से उनकी बायोमेट्रिक पहचान करने को बोला गया है

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