Supreme Court 370 Decision : ‘ये सुप्रीम कोर्ट कोई खुदा नहीं है’ – महबूबा
Supreme Court 370 Decision: जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने के निर्णय पर उच्चतम न्यायालय ने मुहर लगा दी तो देशभर से प्रतिक्रियाओं का दौर प्रारम्भ हो गया। इसी कड़ी में एक बार फिर से पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने अपनी भड़ास उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर निकाली है। इस बार तो उन्होंने बोला दिया कि उच्चतम न्यायालय कोई खुदा नहीं है। एक प्रकार से महबूबा मुफ्ती ने भड़काऊ बयान दिए और उच्चतम न्यायालय के निर्णय को चुनौती दे डाली है। न्यूज एजेंसी एएनआई से वार्ता में बोला कि हमको हौसला नहीं हारनी है। जम्मू कश्मीर के लोगों ने कई वर्षों तक मेहनत की है और हौसला दिखाई है। हमको कुर्बानियों को व्यर्थ नहीं जाने देना है। उन्होंने बोला कि हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम हौसला हारें और निर्णय को कबूल करके घर में बैठ जाएं। ऐसा नहीं होगा। हम अंतिम हद तक जद्दोजहद करेंगे। इसके बाद जो हमारा खोया हुआ वकार है, उसको सूद समेत हासिल करेंगे।
‘ये उच्चतम न्यायालय कोई खुदा नहीं है’
इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय की भी निंदा कर दी। उन्होंने बोला कि ये उच्चतम न्यायालय कोई खुदा नहीं है। उच्चतम न्यायालय के बहुत सारे ऐसे निर्णय हैं जो दूसरी तरह हैं। इसी उच्चतम न्यायालय ने बोला था कि 370 को नहीं हटाया जा सकता है, कानूनी असेंबली के बगैर लेकिन अब इसी उच्चतम न्यायालय के द्वारा ऐसा बोला जा रहा है। आज किसी न्यायधीश ने कोई और निर्णय सुना दिया तो इसको हम खुदाई हुकुम नहीं मान सकते हैं। हम तो जद्दोजहद जारी रखेंगे। ये वही महबूबा मुफ्ती हैं जिन्होंने निर्णय के तुरन्त बाद ही इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी और बोला था कि उच्चतम न्यायालय का फैसला मृत्यु की सजा से कहीं से कम नहीं है। उन्होंने बोला कि यह हिंदुस्तान की अवधारणा को विफल करता है, जिसके साथ मुसलमान बहुसंख्यक राज्य को 1947 में शामिल किया गया था।
‘भारत की अवधारणा को विफल करने वाला’
उस समय निर्णय के बाद मुफ्ती ने एक वीडियो संदेश शेयर किया था और बोला था कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय हिंदुस्तान की अवधारणा को विफल करने वाला है। बोला था कि संसद में लिए गए एक गैरकानूनी और गैरकानूनी फैसला को कानूनी घोषित किया गया है। यह न सिर्फ़ जम्मू कश्मीर के लिए मृत्यु की सजा है, बल्कि हिंदुस्तान की अवधारणा को भी विफल करता है। यह हिंदुस्तान की परिकल्पना, गांधी के हिंदुस्तान की विफलता है, जिसके साथ जम्मू कश्मीर के मुसलमानों ने पाक को खारिज कर हिंदू, बौद्ध, सिख और ईसाई धर्मावलम्बियों वाले गांधी के राष्ट्र के साथ हाथ मिलाया था। आज हिंदुस्तान की अवधारणा विफल हो गई है।
5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से।।
मालूम हो कि पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाना वैध माना। इसके बाद इस पर प्रतिक्रियाओं का दौर प्रारम्भ हुआ। इस निर्णय को पीएम मोदी ने ऐतिहासिक कहा था। उन्होंने बोला कि 5 अगस्त 2019 को हिंदुस्तान की संसद के लिए निर्णय को कानूनी तौर पर स्वीकृति मिली है, यह काफी खुशी का विषय है।