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सुनील भराला ने बीजेपी राष्ट्रीय नेतृत्व को ब्राह्मणों की मांग को लेकर कही ये बड़ी बात

मिशन 2024 को लेकर अब वेस्ट उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों ने भी शंखनाद  कर दिया है ब्राह्मण समाज ने भी अपनी ताक़त दिखाई है मेरठ में ब्राह्मण स्वाभिमान शंखनाद का आयोजन हुआ इस आयोजन में कई संतों ने भी शिरकत की संतों ने बोला कि अति पिछड़ों के साथ ब्राह्मणों की सुध ली जाए, राजनीति में उनकी हिस्सेदारी दी जाए जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी का नारा बुलंद हुआ ब्राह्मण आयोग के गठन की भी मांग की गई ब्राह्मणों के लिए आरक्षण भी मांगा गया और बोला गया कि जाति नहीं गरीबी देखकर आरक्षण दिया जाए मेरठ और हापुड़ लोकसभा सीट के प्रत्याशी को लेकर भी मुखर होकर आवाज़ बुलंद की गई सम्मेलन में भाजपा नेता पंडित सुनील भराला भी पहुंचे सुनील भराला ने बोला कि भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व को ब्राह्मणों की मांग को लेकर अवगत कराउंगा

पंचदशनाम जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने बोला कि सियासी रुप से ब्राह्मण समाज सर्वाधिक उपेक्षित समाज है ब्राह्मणों के भलाई के बारे में कोई विचार नहीं करता है सियासी दल चिंता नहीं करता है ब्राह्मण समाज ने सदैव समाज के कल्याण के लिए कार्य किया है आज की जरूरत है कि ब्राह्मण समाज को उठकर खड़ा होना चाहिए और अपना नेतृत्व चुनना चाहिए और समाज को एकजुट होना चाहिए उन्होंने बोला कि ब्राह्मण समाज का संघर्ष यहां से शुरू होगा वो कहते हैं कि कोई आरक्षण की सुविधा प्राप्त कर रहा है तो कोई अऩ्य सुविधाएं प्राप्त कर रहा हैआर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी का नारा बुलंद किया जनगणना सिर्फ़ दो आधार पर की जाए एक जो ग़रीब है, दूसरा जो समर्थ है वो कहते हैं कि जो युवा भी नहीं है स्त्री भी नहीं है किसान भी नहीं है गरीब भी नहीं है उनके बारे में कौन सोचेगा इनसे अतिरिक्त समाज को लेकर भी स्पष्टता होनी चाहिए महाभारत का फैसला भी संघर्ष से हुआ था अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा मांगने से पाण्डवों को पांच गांव भी नहीं मिले थे इसलिए संघर्ष करना होगा

भाजपा नेता पंडित सुनील भराला ने बोला कि अनेक समस्याओं को लेकर आज ब्राह्मण सम्मेलन में चिंतन हो रहा है बीजेपी के नेतृत्व को इस बारे में अवगत भी कराउंगा वो कहते हैं कि हिस्सेदारी के आधार पर भागीदारी चाहिए वो बताते हैं कि मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट पर तीन लाख से अधिक समाज के लोग हैं जो निर्णायक किरदार अदा करते हैं

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