सिद्धरमैया ने राज्य की कांग्रेस सरकार की पांच गारंटियों की आलोचना करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना, कहा…
बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) के सीएम सिद्धरमैया (Siddaramaiah) ने राज्य की कांग्रेस पार्टी (Congress) गवर्नमेंट की पांच गारंटियों की निंदा करने के लिए मंगलवार को पीएम मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधा और प्रश्न किया कि क्या वह कोई अर्थशास्त्री हैं। सीएम ने 10 वर्ष पहले हर वर्ष दो करोड़ जॉब देने का वादा निभाने में असफल रहने के लिए भी पीएम पर निशाना साधा।
सिद्धरमैया ने कहा, “श्रीमान प्रधानमंत्री, हमारी कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने कर्नाटक में सभी पांच गारंटियां लागू की हैं। आपका यह बयान गलत साबित हुआ कि राज्य दिवालिया हो जाएगा।”
सिद्धरमैया ने पीएम से पूछा सवाल
उन्होंने ने कांग्रेस पार्टी की पांचवीं और आखिरी चुनावी गारंटी ‘युवा निधि’ के लिए पंजीकरण प्रारम्भ होने के मौके पर यह बात कही। इस योजना के अनुसार अकादमिक साल 2022-2023 में स्नातक की पढ़ाई कर चुके बेरोजगार युवकों को 3,000 रुपये जबकि डिप्लोमाधारकों को 1,500 रुपये देने का प्रावधान है। सिद्धरमैया ने कहा, “क्या मोदी अर्थशास्त्री हैं? उन्होंने बोला था कि यदि पांच गारंटियां पूरी हुईं तो कर्नाटक दिवालिया हो जाएगा। सच्चाई यह है कि राज्य इन पांच गारंटियों के पूरा होने के बाद आर्थिक रूप से मजबूत हुआ है।”
उन्होंने कहा, “क्या आपने (प्रधानमंत्री मोदी) अपने वादे के मुताबिक हर वर्ष दो करोड़ नौकरियां सृजित कीं । आपको दस वर्ष में 20 करोड़ नौकरियां सृजित करनी थीं। क्या आपने इतनी नौकरियां सृजित कीं । आप अपना वादा निभाने में असफल रहे।” सीएम ने कहा कि राज्य गवर्नमेंट युवाओं को युवा निधि सहायता देने के अतिरिक्त निःशुल्क प्रशिक्षण भी देगी। उन्होंने सभा को यह भी कहा कि फायदा का वितरण 12 जनवरी, 2024 को विवेकानंद जयंती से प्रारम्भ होगा और पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा।
सिद्धारमैया ने दिया स्पष्टीकरण
सिद्धारमैया ने यह भी बोला कि गवर्नमेंट राज्य में रिक्त नौकरियों को भरने के लिए कदम उठाएगी। इस अवसर पर उप सीएम डी। के। शिवकुमार, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री शरणप्रकाश पाटिल और परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी भी मौजूद थे। योजना के अनुसार राशि का वितरण 12 जनवरी 2024 से प्रारम्भ होगा। इसी दिन स्वामी विवेकानन्द की जयंती है।योजना के अनुसार शैक्षणिक साल 2022-23 में उत्तीर्ण होने वाले स्नातकों को 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि यह राशि उन लोगों को दी जाएगी, जिन्हें डिग्री/डिप्लोमा उत्तीर्ण करने की तारीख से 180 दिन पूरे होने के बाद भी जॉब नहीं मिली। उन्होंने बोला कि इच्छुक उम्मीदवारों को कम से कम छह वर्ष के लिए कर्नाटक का अधिवास साबित करना होगा। बेरोजगारी भत्ता डिग्री/डिप्लोमा का रिज़ल्ट घोषित होने की तारीख से दो वर्ष की अवधि के लिए या उसके नियोजित/स्वरोजगार होने तक, जो भी पहले हो, दिया जाएगा। राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी।
ऐसे उम्मीदवार जो स्व-रोजगार कर रहे हैं और उच्च शिक्षा जारी रख रहे हैं, उन्हें योजना से बाहर रखा गया है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री शरण प्रकाश पाटिल के मुताबिक, इस वर्ष योजना के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। उन्होंने बोला कि जो लोग फायदा लेना चाहते हैं वे ‘सेवा सिंधु पोर्टल’ के जरिये या ‘कर्नाटक वन’, ‘बेंगलुरु वन’, ‘ग्राम वन’ और ‘बापूजी सेवा केंद्र’ के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।