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समलैंगिक विवाह पर SC का फैसला: समलैंगिक विवाह को वैध बनाने पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा अपना फैसला

समलैंगिक शादी पर SC का फैसला: समलैंगिक शादी को वैध बनाने पर उच्चतम न्यायालय आज अपना निर्णय सुनाएगा इससे पहले मई में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने करीब 10 दिन की सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था

याचिकाओं पर सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों की पीठ में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एसके कौल, न्यायमूर्ति एसआर भट्ट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा शामिल थे

अब इस मुद्दे में आज उच्चतम न्यायालय का अहम निर्णय आने वाला है इससे पहले सुनवाई के दौरान केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से बोला था कि समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर उसके द्वारा की गई कोई भी कानूनी घोषणा वैध तरीका नहीं हो सकती है क्योंकि, सर्वोच्च कोर्ट के पास इसके परिणामों की भविष्यवाणी करने की शक्ति है, वह भविष्यवाणी नहीं कर सकता, समझ नहीं सकता और न ही उनसे निपट सकता है

सात राज्यों से मिलीं प्रतिक्रियाएं – केंद्र गवर्नमेंट ने न्यायालय को यह भी कहा कि उसे समलैंगिक शादी के मामले पर सात राज्यों से प्रतिक्रियाएं मिली हैं और राजस्थान, आंध्र प्रदेश और असम की सरकारों ने समलैंगिक शादी को वैध बनाने के लिए याचिकाकर्ताओं की याचिका का विरोध किया है  सुप्रीम न्यायालय ने 18 अप्रैल को मुद्दे की सुनवाई प्रारम्भ की थी

संसद-केंद्र पर छोड़ देना चाहिए – इस मुद्दे में केंद्र गवर्नमेंट का बोलना है कि उच्चतम न्यायालय को यह मुद्दा संसद पर छोड़ देना चाहिए सुनवाई के दौरान गवर्नमेंट की ओर से न्यायालय में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बोला कि जैविक पिता और मां बच्चे को जन्म दे सकते हैं, यह प्राकृतिक कानून है, इससे छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए यदि समलैंगिक शादी की अनुमति भी दे दी जाए, तो पुरुष-पुरुष शादी में पत्नी कौन होगी?

अदालतें कानून के मूल ढांचे को नहीं बदल सकतीं – केंद्र गवर्नमेंट ने उच्चतम न्यायालय से कहा, न्यायालय न तो वैधानिक प्रावधानों को दोबारा लिख ​​सकती है और न ही किसी कानून के मूल ढांचे को बदल सकती है, जिसकी कल्पना इसके निर्माण के समय की गई थी केंद्र गवर्नमेंट ने न्यायालय से निवेदन किया था कि समलैंगिक शादी को वैध बनाने पर याचिकाओं में उठाए गए प्रश्नों को संसद पर छोड़ने पर विचार किया जाए

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