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SC ने भोजशाला मंदिर और कमल मौला मस्जिद के पुरातत्व सर्वेक्षण पर रोक लगाने से किया इनकार

सुप्रीम न्यायालय ने भोजशाला मंदिर और कमल मौला मस्जिद के पुरातत्व सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया सरस्वती मंदिर और कमाल मौलाना मस्जिद मध्य प्रदेश के थार जिले में भोजशाला परिसर में स्थित हैं. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में भोजशाला मंदिर और कमल मौला मस्जिद पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आदेश दिया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसायटी ने उच्चतम न्यायालय में अपील दाखिल की

इस याचिका पर कल जस्टिस ऋषिकेष रॉय, पीके ने सुनवाई की. मिश्रा की बात पहले खंडपीठ ने सुनी थी. सुनवाई के समाप्ति पर उच्चतम न्यायालय ने भोजशाला मंदिर और कमल मौला मस्जिद के पुरातत्व विभाग के निरीक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. पुरातत्व विभाग द्वारा अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद न्यायाधीशों ने एक अंतरिम आदेश भी जारी किया कि उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति के बिना कोई भी फैसला नहीं लिया जाना चाहिए.

साथ ही उच्चतम न्यायालय ने पुरातत्व विभाग को आदेश दिया है कि वह भोजशाला मंदिर परिसर में इसके स्वरूप को बदलने के लिए कोई अध्ययन न करे. मध्य प्रदेश के थार जिले में स्थित, सरस्वती मंदिर और कमल मौला मस्जिद प्राचीन भोजशाला परिसर के भीतर स्थित हैं. विज्ञापन ऐसा बोला जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा भोज ने 1034 में करवाया था और बाद में इस क्षेत्र को घेरने वाले मुगल राजाओं ने वहां एक मस्जिद बनवाई थी.

इस बीच, 2003 में हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार, हिंदू हर मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक भोजशाला परिसर मंदिर में पूजा करते थे. प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक मुसलमान भोजसलाई परिसर की मस्जिद में नमाज अदा करते थे. इस मुद्दे में, वाराणसी जियानवाबी मस्जिद के निर्णय के बाद, भोजशाला परिसर में पूजा के अधिकार के लिए दो पक्षों के बीच टकराव छिड़ गया

आशीष गोयल ने हिंदुओं की ओर से वैज्ञानिक पुरातत्व की जांच करने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में मुद्दा दाखिल किया. क्षेत्र में सर्वेक्षण गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे की सुनवाई के बाद पुरातत्व विभाग को 6 हफ्ते के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था

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