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Ramlala Pran Pratishtha : राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने विश्व हिंदू परिषद को सौंप दिया कश्मीरी केसर

राष्ट्र के साथ पूरी दुनिया में रामभक्त 22 जनवरी का प्रतीक्षा कर रहे हैं जब मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान चल रहा है सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा इस बीच राष्ट्रीय मुसलमान मंच ने विश्व हिंदू परिषद को कश्मीरी केसर सौंप दिया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 22 जनवरी को मृगशिरा नक्षत्र में मुख्य पूजा होगी इसके साथ देशभर से कई साधु-संत इसमें शामिल होंगे

तिलक के बिना सफल नहीं होती पूजा-अर्चना

हिन्दू धर्म में मान्यता है कि तिलक के बिना कोई भी पूजा-अर्चना सफल नहीं होती है मान्यता है कि यदि आप ईश्वर विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको रोजाना केसर का तिलक लगाना चाहिएतिलक लगाना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन बहुत कम लोगों को तिलक लगाने का ठीक तरीका मालूम होता है शुभ अवसर या जरूरी कार्य करने से पहले तिलक लगाए जाने का विधान है

तिलक परंपरा की पहचान

सनातन धर्म में तिलक भिन्न-भिन्न ढंग से लगाए जाते हैं साधु-संतों का तिलक उनकी परंपरा की पहचान है शुभता और कामयाबी के लिए कई पदार्थाे से बने तिलक लगाए जातें हैं,इनमें से मुख्य रूप से हल्दी, चंदन और केसर का प्रयोग होता है

तिलक लगाने का ठीक तरीका

सनातन परंपरा के मुताबिक पूजा-पाठ में किसी भी देवी या देवता या किसी आदमी को तिलक लगाने के लिए ठीक उंगली का प्रयोग करना चाहिए किसी भी देवता को यदि आप तिलक लगाते हैं तो हमेशा दाएं हाथ की अनामिका अंगुली से तिलक लगाना शुभ फल देता है जबकि तर्जनी अंगुली से तिलक लगाना अशुभकारी है

मस्तिष्क में आते हैं सकारात्मक विचार

हिंदू धर्म में मान्यता है कि जब किसी को तिलक लगाते हैं तो उस समय सिर पर कोई कपड़ा या फिर अपना हाथ रखा जाता है माना जाता है कि ऐसा करने से हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक विचार आते है इसके साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हमेशा किसी आदमी को तिलक पूर्व दिशा की ओर खड़ा करके लगाना चाहिए

तिलक लगाने के लाभ

तिलक लगाने के फायदा की बात करें तो माथे पर तिलक लगाने से मनुष्य के आत्मविश्वास और संयम में वृद्धि होती है तिलक लगाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और नवग्रहों के गुनाह भी दूर होते हैं

तिलक लगाना हिंदू परम्परा का हिस्सा है बिना तिलक लगाए पूजा संपन्न नहीं मानी जाती है तिलक हमेशा दोनों भौहों के बीच में, कंठ पर या नाभि पर लगाया जाता है तिलक लगाने से मन को एकाग्र और शांत होने में सहायता मिलती है

तिलक लगाने के नियमों पर भी ध्यान

तिलक लगाने के नियमों पर भी ध्यान देना चाहिए इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है

  • हमेशा स्नान करते तिलक लगाएं
  • इष्ट या ईश्वर को सबसे पहले तिलक लगाएं उसके बाद स्वयं को लगाना चाहिए
  • जब स्वयं को तिलक लगाना है तो अनामिका उंगली से लगाएं जबकि दूसरे को अंगूठे से तिलक लगाएं
  • सोते हुए आदमी को तिलक नहीं लगाना चाहिए
  • अलग – अलग तिलक की बात करें तो केसर के तिलक से यश बढ़ता है और सभी कार्य पूरे होते हैं जबकि चन्दन के तिलक से एकाग्रता बढती है रोली और कुमकुम के तिलक से आकर्षण बढ़ता और आलस्य दूर होता है भस्म या राख के तिलक से अनहोनी से रक्षा होती है

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