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Rajat Sharma’s Blog : कांग्रेस की नज़र आम लोगों की मेहनत की कमाई पर है…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी की नीयत और नीति पर प्रश्न उठाया है.  मोदी ने बोला है, कांग्रेस पार्टी की नज़र आम लोगों की मेहनत की कमाई पर है, प्रॉपर्टी पर है, स्त्रियों के मंगलसूत्र पर है. मोदी ने बोला कि कांग्रेस पार्टी ने इरादा जाहिर कर दिया है कि यदि वह सत्ता में आई तो लोगों के घरों, जायदाद, और गहनों का सर्वे कराएगी, फिर लोगों की कमाई कांग्रेस पार्टी के पंजे में होगी. मोदी ने बोला कि नक्सलियों ने जो काम दुनिया के दूसरे हिस्सो में किया, वही काम कांग्रेस पार्टी हमारे राष्ट्र में करना चाहती है. मोदी के इस बयान से चुनावी कैंपेन की हालात और दिशा दोनों बदल गई. कांग्रेस पार्टी के नेता मोदी की कम्पलेन लेकर सोमवार को चुनाव आयोग के पास पहुंच गए. मोदी को मानसिक तौर पर दिवालिया, मानसिक रोगी, साम्प्रदायिक, भाईचारे का दुश्मन, झूठा, फरेबी और न जाने क्या क्या बता दिया. असल में मोदी ने यही बात रविवार को राजस्थान की रैली में कही थी. उसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी के नेता परेशान हैं. मोदी को चुनौती दे रहे हैं कि वो दिखाएं कि कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में कहां लिखा है कि लोगों की संपत्ति छीनकर घुसपैठियों को बांट दी जाएगी. कांग्रेस पार्टी ने पूछा कि मोदी बताएं कि कांग्रेस पार्टी के किस नेता ने बोला कि कांग्रेस पार्टी की गवर्नमेंट बनी तो संपत्ति का सर्वे कराया जाएगा और संपत्ति मुसलमानों में बांट दी जाएगी.

कांग्रेस को इस मुद्दे में INDIA गठबंधन के दूसरे सहयोगी दलों का भी समर्थन मिला. अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, संजय राउत, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और ममता बनर्जी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक, सब ने नरेंद्र मोदी पर धावा किया. वैसे मोदी के रविवार के बयान पर कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से चौतरफा धावा किया, उससे कांग्रेस पार्टी के नेताओं को आशा थी कि अब शायद मोदी हिन्दू-मुस्लिम की बात नहीं करेंगे लेकिन सोमवार को मोदी ने और जोरदार ढंग से अपनी बात कही, कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र पर, कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मंशा पर छह मिनट से अधिक बोले. मोदी ने बोला कि कांग्रेस पार्टी की नज़र राष्ट्र की स्त्रियों के गहनों पर है, माताओं-बहनों के मंगलसूत्र पर है, वो उसे छीन लेना चाहती है. मोदी ने बोला कि कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में उसके इरादे साफ-साफ लिखे है, कांग्रेस पार्टी जानना चाहती है कि किसके पास कितनी जायदाद है, कितनी ज़मीन है, कितने मकान है, कितनी सैलरी है और बैंक में कितना फिक्स्ड डिपॉज़िट है. यदि कांग्रेस पार्टी की गवर्नमेंट आई तो लोगों के बैंक खातों में झांकेगी, लॉकर खंगालेगी, ज़मीन-जायदाद का पता लगाएगी और फिर सबकुछ छीनकर, उस पर कब्जा करके उसे पब्लिक के बीच बांट देगी.

मोदी ने जिस तरह से कांग्रेस पार्टी को घेरा और जिस मामले पर घेरा, उसकी कल्पना कांग्रेस पार्टी के नेताओं को नहीं  थी, इसलिए कठिनाई तो दिख रही है, लेकिन उत्तर नहीं मिल रहा. कांग्रेस पार्टी के नेता बस इतना कह रहे हैं कि मोदी कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं, इसलिए अब कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता पीएम को कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र की कॉपी डाक के जरिए भेजेंगे. कांग्रेस पार्टी के नेता मोदी की कम्पलेन लेकर चुनाव आयोग के पास पहुंच गए, मोदी के बयान को साम्प्रदायिक और आदर्श आचार संहिता के विरुद्ध बताया. पीएम के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की. कांग्रेस पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने मोदी के बयान को उनकी बौखलाहट का नतीजा बताया, बोला कि मोदी को पता चल गया है कि राष्ट्र का मूड बदल रहा है, इसीलिए वो हताशा में ऐसे नफ़रत भरे बयान दे रहे हैं. बिहार में तेजस्वी यादव ने बोला कि वो हाथ जोड़कर मोदी से निवेदन करते हैं कि वह महंगाई, बेरोज़गारी, और विकास जैसे मुद्दों पर बात करें, हिंदू-मुसलमान टकराव पैदा न करें, यही राष्ट्र के लिए बेहतर होगा.

अब प्रश्न ये है कि आखिर मोदी ने जो बात कही, उसका आधार क्या है? तो मैं आपको बता दूं कि मोदी को ये मौका राहुल गांधी ने दिया है. कांग्रेस पार्टी की मुसीबत की जड़ राहुल गांधी हैं. राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र जारी होने के बाद हैदराबाद में एक रैली में बोला था कि यदि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो पूरे राष्ट्र में प्रॉपर्टी का सर्वे कराया जाएगा, ये पता लगाया जाएगा कि राष्ट्र का धन किसके हाथ में है और मजे की बात ये है कि राहुल गांधी के इस बयान का वीडियो स्वयं कांग्रेस पार्टी की तरफ से जारी किया गया था. ये सारा मुद्दा क्या है. इसे समझने की आवश्यकता है. राहुल गांधी ने जब साफ-साफ बोला कि यदि उनकी गवर्नमेंट आई तो इस बात का सर्वे करवाएंगे कि किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है, वो कहां से आई और इस प्रॉपर्टी को बांट दिया जाएगा, मोदी ने इस बात को पकड़ लिया और चिकित्सक मनमोहन सिंह के उस बयान से जोड़ दिया जहां उन्होंने बोला था कि राष्ट्र की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. मोदी ने बोला कि कांग्रेस पार्टी आपकी संपत्ति छीनकर मुसलमानों को दे देगी. राहुल ने जो बोला वो उनके ऊपर वामपंथी विचारधारा का असर है. ये कम्यूनिस्टों की सोच है. एक जमाने में कम्यूनिस्ट राष्ट्रों में ये होता था, जहां प्रॉपर्टी का सर्वे होता था और जायदाद छीन ली जाती थी. और मोदी ने जो बोला वो भाजपा की विचारधारा है. वो मानते हैं कि कांग्रेस पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति करती है, वोट के लिए मुसलमानों को खुश करना चाहती है.

अब संपत्ति छिन जाने की बात ऐसी है जो लोगों को डरा भी सकती है, भावनात्मक रूप से आहत भी कर सकती है. इसीलिए कांग्रेस पार्टी इतनी परेशान है. कांग्रेस पार्टी अबतक ये कह रही थी कि मोदी लोकतंत्र को समाप्त कर देंगे, संविधान को खत्म कर देंगे और मोदी को इन आरोपों की सफाई देनी पड़ रही थी. अब मुद्दा बिलकुल उलट गया. अब मोदी आक्रामक मुद्रा में हैं, और कांग्रेस पार्टी पूरी तरह बचाव की मुद्रा में है. उसे बार-बार सफाई देनी पड़ रही है कि घोषणापत्र में ऐसा कुछ नहीं है लेकिन कांग्रेस पार्टी की परेशानी ये है कि राहुल गांधी ने ये बातें सार्वजनिक रूप से कहीं हैं. एक बार नहीं, कई-कई बार कही हैं. कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के इस बयान को रिकॉर्ड से मिटाने की प्रयास की थी लेकिन डिजिटल इण्डिया के जमाने में ये संभव नहीं हो पाया. कांग्रेस पार्टी के लिए राहत की बात केवल इतनी हो सकती है कि मोदी के इस बयान को मामला बनाने में मोदी विरोधी मोर्चे के सारे नेता एकजुट हो गए. जो कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं हैं वो भी मैदान में उतर गए.

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