जल जीवन मिशन में फिसड्डी राज्यों में शुमार हुआ राजस्थान
राजस्थान जल जीवन मिशन में राष्ट्र में सबसे फिसड्डी राज्यों में शुमार हो गया है। प्रदेश में लगातार गिरती रैंकिंग के बाद अब नयी गवर्नमेंट से उम्मीदे बंधने लगी है। केंद्र गवर्नमेंट के इस मिशन को साकार करने के लिए भजनलाल गवर्नमेंट कठोरता बरतेगी।
33 वें पायदान पर राजस्थान
देश में सबसे नीचे 33 वे पायदान जल जीवन मिशन में राजस्थान पहुंचा हुआ है। इस मिशन को लेकर प्रदेश की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। स्थिति को अनूकूल बनाने के लिए अब नयी गवर्नमेंट से उम्मीदें बंधने लगी है कि शायद डबल इंजन की गवर्नमेंट के प्रदेश में बनने से इस मिशन की तस्वीर बदलेगी।
इस मिशन में राजस्थान के 33 वें पायदान के होने पर प्रदेश प्रश्नों के घेरे में है, क्योंकि इस मिशन में राज्य लगातार पिछड़ता ही जा रहा है। अब तो हालात ये हो चले है कि राष्ट्र में सबसे फिसड्डी राजस्थान हो गया है। पूरे राष्ट्र में राजस्थान 33 वें पायदान पर पहुंच गया है। मार्च 2024 तक राजस्थान को 1,06,64,679 कनेक्शन का लक्ष्य था, लेकिन अब तक महज 48,15,653 कनेक्शन ही हो पाए। यानि केवल 45 फीसदी कनेक्शन ही विभाग ने लगाए है।
दोनों चीफ इंजीनियर फिसड्डी
राजस्थान में इस मिशन की बागडोर लेकर जल रहे जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर पहले दिनेश गोयल ने संभाली थी, उसके बाद चीफ इंजीनियर आरके मीणा को इसकी जिम्मेदारी दी। दोनों ही चीफ इंजीनियर फेलियर साबित हुए। इतना ही नहीं दोनों चीफ अब प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर भी चल रहे है। इन दोनों ही इंजीनियर्स पर जल जीवन मिशन में करप्शन के लिए लगातार पूछताछ की जा रही है। वैसे आरके मीणा को 2016 में 10 लाख की घूस लेते एसीबी ने रंगे हाथों अरैस्ट किया था।