राष्ट्रीय
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति का संबोधन, बोलीं…
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार, 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने बोला कि सभी देशवासी 78वें स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लहराते हुए तिरंगे को देखना – चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे इर्द-गिर्द हो – हमारे दिल को उत्साह से भर देता है. उन्होंने बोला कि जिस तरह हम अपने परिवार के साथ विभिन्न त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं.
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बोला कि समावेशन के साधन के रूप में सकारात्मक कार्रवाई को मजबूत किया जाना चाहिए. मुर्मू ने हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले सालों में हमारे देश को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी. उन्होंने बोला कि हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना प्रारम्भ किया है. अगले साल उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके सहयोग को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा.
उन्होंने बोला कि आज, 14 अगस्त को, हमारा राष्ट्र विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस इंकार रहा है. यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है. जब हमारे महान देश का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को विवश होकर पलायन करना पड़ा. लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे. उन्होंने बोला कि हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ इंकार रहे हैं. हमारे नव-स्वाधीन देश की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं. न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के कानूनी आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली जगह पुनः प्राप्त करे.
राष्ट्रपति ने बोला कि साल 2021 से साल 2024 के बीच 8 फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि रेट हासिल करके, हिंदुस्तान सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है. इससे न सिर्फ़ देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है. उन्होंने बोला कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि हिंदुस्तान दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में जगह प्राप्त करने के लिए तैयार हैं. यह कामयाबी किसानों और मजदूरों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा राष्ट्र के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है.
द्रौपदी मुर्मू ने आगे बोला कि हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है. ऐसा करके, उन्होंने हिंदुस्तान को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन मौजूद कराने में अमूल्य सहयोग दिया है. उन्होंने बोला कि जी-20 की अपनी अध्यक्षता के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद, हिंदुस्तान ने Global South को मुखर अभिव्यक्ति देने वाले राष्ट्र के रूप में अपनी किरदार को मजबूत बनाया है. हिंदुस्तान अपनी प्रभावशाली स्थिति का इस्तेमाल विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार हेतु करना चाहता है. मुर्मू ने बोला कि सामाजिक इन्साफ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट की सर्वोच्च अहमियत है.
उन्होंने बोला कि समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है. अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक देश के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं. समावेश के साधन के रूप में, सकारात्मक कार्रवाई को मजबूत किया जाना चाहिए. मैं दृढ़ता के साथ यह मानती हूं कि हिंदुस्तान जैसे विशाल राष्ट्र में, कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा. उन्होंने बोला कि स्त्रियों को केंद्र में रखते हुए गवर्नमेंट द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं. नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य स्त्रियों का असली सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है.