रांची में निर्माण कार्यों की वजह से बढ़ा प्रदूषण, कई इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब
राजधानी रांची के कई इलाकों की आबोहवा खराब हो रही है। जिन इलाकों में निर्माण कार्य हो रहा है, वहां की स्थिति अधिक खराब है। वायु प्रदूषण के कारण वहां की हवा स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। आम तौर पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 100 के आसपास रहने से वातावरण को संतोषजनक माना जाता है। लेकिन, यहां कई स्थानों पर एक्यूआइ 200 के करीब पहुंच जा रहा है। कई दिनों से बारिश नहीं होने के कारण वायुमंडल में पीएम-2.5 तथा पीएम-10 की मात्र सामान्य से अधिक हो गयी है।
ढुमसाटोली-नयाटोली वाले क्षेत्र अधिक प्रदूषित : कई वेबसाइट एयर क्वालिटी इंडेक्स का डाटा जारी करती है। प्रति घंटा से लेकर दिन भर का डाटा जारी किया जाता है। साइट से प्राप्त एक्यूआइ के अनुसार, राजधानी में सबसे अधिक प्रदूषण ढुमसाटोली, नयाटोली और कोकर वाले क्षेत्र में है। कांके रोड वाले क्षेत्र में कम प्रदूषण दिख रहा है। इन इलाकों में पीएम-10 (वातावरण में बड़े कण) की मात्रा अधिक हो जा रही है। कई तरह के निर्माण कार्य के कारण जाम भी लग जाता है। जाम में वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इससे गाड़ी से होनेवाले प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है। वाहनों के धुएं से पीएम-2.5 (वातावरण में छोटे कण) का प्रदूषण अधिक होता है। शनिवार को ढुमसाटोली और नयाटोली में एक्यूआइ शाम के समय 155-170 तक पहुंच गया था। वहीं, रविवार को छुट्टी होने के कारण इन दोनों इलाकों का एक्यूआइ 100 के आसपास ही रहा। वहीं, कांके रोड वाले क्षेत्र का एक्यूआइ रविवार को 70 तथा अन्य दिनों में 100 के आसपास रह रहा है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
झारखंड गवर्नमेंट के प्रदूषण बोर्ड के साथ काम कर रही संस्था सीड के प्रदूषण जानकार मनीष कुमार का बोलना है कि जाड़े के दिनों में प्रदूषण बढ़ जाता है। क्योंकि, इस समय हवा बहुत दूर तक नहीं जा पाती है। इस कारण वातावरण में कण जमा ही रहता है। जहां निर्माण कार्य हो रहा है, वहां यदि तय प्रावधानों का पालन नहीं होगा, तो पीएम-10 और पीएम-2.5 दोनों बढ़ेगा। निर्माण कार्य के डस्ट से पीएम-10 और जाम से पीएम 2.5 बढ़ेगा।