राष्ट्रीय

पीएम मोदी शुक्रवार व शनिवार को कर्नाटक-तमिलनाडु का करेंगे दौरा, बनाएंगे रहे हैं ये योजना

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी दक्षिण के राज्यों का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान वह ईश्वर विष्णु के अवतार राम और कृष्ण से जुड़े प्रतीकों-मंदिरों को समय दे रहे हैं. मंदिरों में पीएम राज्य की भाषा से जुड़े रामायण के पाठ भी सुन रहे हैं. दरअसल, यह पूरी कवायद ईश्वर राम के उत्तर हिंदुस्तान तक सीमित रहने के मिथक को तोड़ने के साथ उन्हें राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता के प्रतीक के रूप में स्थापित करने की भी है.

सांस्कृतिक दृष्टि से हमेशा से एक

संघ और बीजेपी के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा यही है. दोनों मानते हैं कि भले ही भाषा, बोली और रहन-सहन के मुद्दे में राष्ट्र में विविधताओं की भरमार है, लेकिन सांस्कृतिक दृष्टि से हिंदुस्तान सदियों से एक रहा है. इसी तथ्य को स्थापित करने के लिए पीएम ने एक भारत-श्रेष्ठ हिंदुस्तान अभियान की पहल की और इसके भीतर पहले काशी-तमिल संगमम के बाद सौराष्ट्र-तमिल संगमम के कई आयोजन कराए गए.

तमिलनाडु और कर्नाटक से भी देंगे संदेश

पीएम शुक्रवार और शनिवार को कर्नाटक-तमिलनाडु का दौरा करेंगे. शनिवार को तिरुचिरापल्ली के श्री रंगम मंदिर और रामनाथपुरम के रामेश्वरम मंदिर के दर्शन करेंगे. रामेश्वरम में ईश्वर राम ने समुद्र पर पुल बनाया था. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी यहां से जल लेकर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अयोध्या में जलाभिषेक करेंगे.

उत्तर-दक्षिण का भेद समाप्त करने की योजना

संघ के एक वरिष्ठ विचारक के मुताबिक, मुगल काल से ब्रिटिश काल तक हिंदुस्तान की विविधता को गलत संदर्भ में प्रचारित किया गया. यह भ्रांति बनाई गई कि कोई ऐसा तत्व नहीं है, जिससे यह बोला जाए कि हिंदुस्तान एक था. इन दौरों से उत्तर-दिक्षण का भेद समाप्त करने की योजना है.

सियासी निहितार्थ

इसी के साथ बीजेपी दक्षिण के राज्यों में अपना विस्तार करना चाहती है. दक्षिण के पांच राज्यों केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक की 140 लोकसभा सीटों में से बीते चुनाव को बीजेपी को महज 29 सीटें मिली थीं. इनमें 25 कर्नाटक तो चार तेलंगाना से थीं.

राम से जुड़े मंदिर

पीएम की दक्षिण राज्यों की यात्रा और इस दौरान मंदिरों का चुनाव बताता है कि कैसे श्रीराम को राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता के रूप में पुनर्स्थापित करने की पहल की जा रही है. मंगलवार को पीएम आंध्र के वीरभद्र स्वामी मंदिर गए. रामायण में जिक्र है कि सीता की खोज में निकले श्रीराम का यहीं गिद्धराज जटायु से मिलन हुआ था. पीएम ने यहां करीब 45 मिनट बिताए. बुधवार को केरल दौरे पर पीएम ने गुरुवायूर मंदिर में दर्शन के बाद त्रिशूर के त्रिप्रयार स्थित रामास्वामी मंदिर के दर्शन किए. मंदिर में पीएम ने मलयालम में रामायण का पाठ सुनने के बाद बच्चों के एक समूह से वेद पाठ भी सुना. यह मंदिर ईश्वर विष्णु के सातवें अवतार माने जाने वाले ईश्वर राम को समर्पित है. गुरुवायूर  मंदिर 5,000 वर्ष पुराना है, इसमें ईश्वर कृष्ण बाल स्वरूप में उपस्थित हैं. मान्यता है कि इसका निर्माण देवगुरु बृहस्पति ने किया था.

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