मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की खबर आई सामने, जिसमे 3 स्वयंसेवकों की हुयी मौत
मणिपुर से एक बार फिर अत्याचार की समाचार आ रही है। गोलीबारी आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे उखरूल में लिटन के पास थोवई कुकी गांव में हुई। जिसमें गांव के 3 स्वयंसेवकों की मृत्यु की समाचार है।
कुकी समुदाय के संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के प्रवक्ता ने बोला कि मेइतेई हमले में मारे गए लोगों में जमखोगिन, थांगखोकाई और हलानसन शामिल थे।
सुप्रीम न्यायालय आज अत्याचार से पीड़ित दो स्त्रियों की याचिका पर भी सुनवाई करेगा। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच 3 मई को अत्याचार भड़क उठी थी, जो अब भी जारी है। इस अत्याचार में करीब 160 लोगों की मृत्यु हो गई है।
इसके अतिरिक्त लिटन पुलिस ने कहा कि सुबह-सुबह भारी गोलीबारी की आवाज सुनी गई। इसके बाद पुलिस ने आसपास के गांवों और जंगलों में तलाश की। जहां से उन्हें तीन लोगों के मृतशरीर मिले। तीनों के शरीर पर तेज चाकू से वार के निशान हैं और उनके हाथ-पैर भी कटे हुए हैं
बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय आदिवासी आरक्षण की मांग कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैतेई समुदाय की जनसंख्या लगभग 53 फीसदी है लेकिन राज्य के मैदानी इलाकों में उनका हिस्सा सिर्फ़ 10 फीसदी है। दूसरी ओर, कुकी और नागा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, जो राज्य का लगभग 90 फीसदी हिस्सा हैं। भूमि सुधार अधिनियम के तहत, मैती समुदाय पहाड़ियों पर जमीन नहीं खरीद सकता, जबकि कुकी और नागा समुदायों पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। यही वजह है कि अत्याचार प्रारम्भ हो गई।
पिछले बुधवार को विभिन्न रैंकों की 29 स्त्री ऑफिसरों सहित 53 ऑफिसरों की एक सूची जारी की गई है और मणिपुर में अत्याचार की जांच के लिए दो स्त्री DIG रैंक के ऑफिसरों को तैनात किया गया है। कटियार, निर्मला देवी और मोहित गुप्ता सभी मामलों की जांच के लिए अपनी-अपनी टीमों का नेतृत्व करेंगे। राज्य में अत्याचार का। ये सभी अधिकारी घनश्याम उपाध्याय को जानकारी देंगे।