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Amarmani Tripathi और Madhumani Tripathi की रिहाई पर Anand Mohan ने कहा…

जहां तक अमरमणि की रिहाई की बात है तो आपको बता दें कि यूपी शासन के जेल प्रशासन एवं सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने राज्य की 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई संबंधी एक आदेश जारी किया था

कवयित्री मधुमिता शुक्ला की मर्डर के अपराध में जीवन भर जेल की सजा पाए यूपी गवर्नमेंट के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को शुक्रवार शाम को कारावास से रिहा कर दिया गया हालांकि अभी दोनों खराब स्वास्थ्य के चलते हॉस्पिटल में भर्ती हैं अमरमणि और मधुमणि के बेटे अमनमणि ने इस बारे में बोला है कि स्वास्थ्य ठीक होने के बाद उनके माता पिता को घर लाया जायेगा इस बीच, अमरमणि और उनकी पत्नी की रिहाई पर राजनीति भी प्रारम्भ हो गयी है चर्चाएं गरम हैं कि कई सियासी दल अमरमणि को अपनी पार्टी में लेना चाहते हैं लेकिन देखना होगा कि क्या एक समय पूर्वांचल की राजनीति में तगड़ा दबदबा रखने वाले अमरमणि वापस राजनीति में आते हैं? इस बीच, मधुमिता शुक्ला की बहन ने अमरमणि की रिहाई के विरुद्ध दाखिल अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद संभावना जताई है कि उनकी मर्डर करवाई जा सकती है दूसरी ओर, अमरमणि को लेकर चल रही सियासी चर्चाओं के बीच बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन का भी बयान सामने आया है

जहां तक अमरमणि की रिहाई की बात है तो आपको बता दें कि यूपी शासन के जेल प्रशासन एवं सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने राज्य की 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई संबंधी एक आदेश जारी किया था अधिकारी ने आदेश का हवाला देते हुए बोला कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और कारावास में अच्छे आचरण का जिक्र किया था अमरमणि की उम्र 66 साल है और मधुमणि 61 साल की हैं और इन दोनों ने सोलह वर्ष की सजा पूरी कर ली है त्रिपाठी दंपति अभी बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हैं गोरखपुर कारावास के जेलर एके कुशवाहा ने कहा कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया कुशवाहा ने कहा कि अमरमणि को 25-25 लाख के दो मुचलकों और मधुमणि को 25-25 लाख के दो मुचलकों पर रिहा किया गया है

शुक्रवार शाम करीब 7.14 बजे जेलर एके कुशवाहा, बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे उनके साथ अमरमणि और मधुमणि के बेटे अमनमणि त्रिपाठी भी थे कुशवाह ने वहां पत्रकारों को कहा कि अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी दोनों को न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया है उधर, अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने बताया, ‘‘वे दोनों हॉस्पिटल में बिस्तर पर हैं मैं ही वह आदमी था जिसने जेलर से मेरे माता-पिता की कस्टडी ली थी रिहा होने के बाद दोनों की आंखों में आंसू थे’’ अमनमणि त्रिपाठी ने संवाददाताओं से बोला कि उनके माता-पिता बीआरडी मेडिकल कालेज में डॉक्टरों की नज़र में हैं और चिकित्सकीय राय के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी अमनमणि ने कहा, “मेरे माता-पिता बहुत बीमार हैं और वे डॉक्टरों की नज़र में हैं, इसलिए डॉक्टरों की सहमति से उन्हें घर ले जाया जाएगा” अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनु ने रिहाई पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ”मेरे माता-पिता बाहर आ रहे हैं, इस एहसास को शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन है वे दोनों बूढ़े हैं और बीमार हैं मेरे माता-पिता को मधुमेह है’’

अमरमणि का सियासी सफर

हम आपको बता दें कि महराजगंज जिले की लक्ष्मीपुर (अब नौतनवा) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अमरमणि त्रिपाठी कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी (भाजपा) की सरकारों में 1996 से 2002 तक मंत्री रह चुके हैं मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट के दौरान वह सपा (सपा) में थे, जबकि इससे पहले वह बसपा में थे अमरमणि बीएसपी गवर्नमेंट में भी मंत्री रहे हैं

मधुमिता शुक्ला की बहन की प्रतिक्रिया

हम आपको यह भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में जीवन भर जेल की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को मना कर दिया था हालांकि न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कवयित्री की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार, त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ हफ्ते के भीतर उत्तर मांगा है इस कानूनी लड़ाई में सबसे आगे रहीं मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने बोला कि उन्हें अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की जान को खतरा है

निधि शुक्ला ने कहा, ‘‘मैंने आरटीआई (सूचना का अधिकार) के माध्यम से डॉक्यूमेंट्स हासिल किए हैं, जिनमें साफ रूप से बोला गया है कि दोनों ने कारावास की सजा का 62 प्रतिशत हिस्सा कारावास से बाहर बिताया है मैंने सभी उत्तरदायी व्यक्तियों को डॉक्यूमेंट्स सौंप दिए हैं और कहा कि 2012 से 2023 के बीच वे कारावास में नहीं थे लंबी लड़ाई के बाद राज्य सूचना आयोग के माध्यम से मुझे जो सरकारी डॉक्यूमेंट्स मिले हैं, वे इस बात की पुष्टि करते हैं’’ शुक्ला ने बोला कि समय से पहले रिहाई पाने के लिए त्रिपाठी दंपति ने ऑफिसरों को गुमराह किया है और इसी आधार पर हमने दंपति की रिहाई के विरुद्ध शीर्ष न्यायालय का रुख किया है

कब हुई थी मधुमिता की हत्या?

हम आपको याद दिला दें कि कवयित्री मधुमिता की नौ मई, 2003 को पेपर मिल कॉलोनी, लखनऊ में गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी घटना के समय वह गर्भवती थीं अमरमणि त्रिपाठी को सितंबर, 2003 में कवयित्री की मर्डर के सिलसिले में अरैस्ट किया गया था जिनके साथ वह कथित तौर पर संबंध में थे इस मुद्दे की जांच CBI को दी गयी थी देहरादून की एक न्यायालय ने अक्टूबर 2007 में मधुमिता की मर्डर के लिए अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जीवन भर जेल की सजा सुनाई थी इसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी दंपति की सजा को बरकरार रखा था

आनंद मोहन की प्रतिक्रिया

बहरहाल, अमरमणि और मधुमणि की रिहाई के बाद बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बोला है कि अब उन नेताओं को अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए जो उनकी रिहाई का विरोध कर रहे थे हम आपको याद दिला दें कि एक आईएएस अधिकारी की मर्डर मुद्दे में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद और गैंगस्टर आनंद मोहन को नीतीश गवर्नमेंट ने हाल में रिहा करवा दिया था आनंद मोहन की रिहाई ‘जेल सजा क्षमादान आदेश’ के अनुसार हुई थी इसके लिए बिहार गवर्नमेंट ने कारावास नियमावली में परिवर्तन किया था, जिससे आनंद मोहन समेत 27 अभियुक्तों की समयपूर्व रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ था गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की 1994 में हुई मर्डर के मुद्दे में आनंद मोहन उम्रकैद की सजा काट रहे थे लेकिन अप्रैल 2023 में उन्हें रिहा कर दिया गया था

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