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NHS फास्ट-ट्रैक आधार पर भारत से 2,000 डॉक्टरों की करेगी भर्ती

नई दिल्ली: ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) राष्ट्र में डॉक्टरों की भारी कमी को दूर करने की पहल के अनुसार फास्ट-ट्रैक आधार पर हिंदुस्तान से 2,000 डॉक्टरों की भर्ती करेगी. NHS डॉक्टरों के पहले बैच के लिए स्नातकोत्तर प्रशिक्षण आयोजित करेगा, जिन्हें 6 से 12 महीने के प्रशिक्षण के बाद ब्रिटेन के अस्पतालों में तैनात किया जाएगा. उन्होंने बोला कि प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर इन डॉक्टरों को व्यावसायिक और भाषाई मूल्यांकन बोर्ड (PLB) परीक्षा से छूट दी जाएगी.

जबकि कुछ लोग इस पहल को एनएचएस में डॉक्टरों की कमी के निवारण के रूप में देखते हैं, वहीं अन्य लोगों ने हिंदुस्तान की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से संभावित प्रतिभा पलायन पर चिंता व्यक्त की है. उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के आंतरिक चिकित्सा डॉक्टर शुचिन बजाज ने बोला है कि, “इस पहल से हिंदुस्तान पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि 2000 एक बहुत छोटी संख्या है और हिंदुस्तान सालाना 110,000 से अधिक चिकित्सक पैदा करता है. NHS अस्पतालों द्वारा संचालित यह पहल स्थायी निपटान की गारंटी नहीं देती है, लेकिन ये प्लेसमेंट मूल्यवान अनुभव प्रदान कर सकते हैं.

बजाज ने बोला कि “यह परियोजना अप्रत्यक्ष रूप से गवर्नमेंट द्वारा वित्त पोषित है, क्योंकि गवर्नमेंट बहुत सारे NHS अस्पतालों को वित्त पोषित करती है. यह पहल राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद जैसे सरकारी निकायों से स्वतंत्र है और पूरी तरह से अस्पतालों द्वारा संचालित है. हिंदुस्तान और ब्रिटेन के बीच ज्ञान और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान से दोनों राष्ट्रों की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को फायदा होने की आशा है.” NHS से निकटता से जुड़े आर्थोपेडिक सर्जन रवि भटके ने बोला कि NHS का विदेशों से डॉक्टरों पर भरोसा करने का एक लंबा इतिहास है. इसके लगभग 25 से 30 फीसदी चिकित्सा कार्यबल गैर-यूके प्रशिक्षित डॉक्टरों से आते हैं.

उन्होंने बोला कि “NHS लंबी अवधि में अपने स्वयं के डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने में भी निवेश कर रहा है. मेरी राय में, यह पहल हिंदुस्तान से अधिक डॉक्टरों को ब्रिटेन जाने के लिए प्रेरित नहीं करेगी, क्योंकि हिंदुस्तान बढ़ रहा है और आर्थिक रूप से ब्रिटेन अब उतना सुन्दर नहीं है. एनएचएस भविष्य में विदेशी भर्ती में कटौती करने पर विचार कर रहा है.” इस कार्यक्रम के तहत, NHS ने मुंबई, दिल्ली, नागपुर, गुरुग्राम, कालीकट, बेंगलुरु, चेन्नई, इंदौर और मैसूर जैसे भारतीय शहरों के प्रमुख निजी अस्पतालों में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं.

 

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