नेशनल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस आज जारी करेगा GDP का पहला एडवांस एस्टीमेट
नेशनल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) आज यानी 5 जनवरी को वित्त साल 2023-24 के लिए GDP का पहला एडवांस एस्टिमेंट जारी करेगा। इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने पिछले महीने मौजूदा वित्त साल के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़कर 7% दिया था। RBI के इस एस्टीमेट के बाद GDP में पॉजिटिव ग्रोथ की आशा की जा रही है।इसके अतिरिक्त पिछले दो क्वार्टर यानी जुलाई-सितंबर और अप्रैल-जून क्वार्टर में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.6% और 7.8% की सालाना रेट से बढ़ी है। यह ग्रोथ अनुमान से अधिक है। इसलिए आज आने वाले एस्टीमेट के पहले संभावना व्यक्त किया जा रहा है कि वित्त साल 2023-24 के लिए GDP 7% की गति से ग्रोथ करेगी।
चालू वित्त साल के लिए नेशनल इनकम का यह एडवांस एस्टीमेट एक महत्वपूर्ण आंकड़ा होता है। क्योंकि, इस डेटा का यूज केंद्र गवर्नमेंट अगले फाइनेंशियल ईयर के लिए बजट तैयार करने में करती है। MoSPI के अनुसार, एडवांस एस्टीमेट कंपाइल करने की एप्रोच बेंचमार्क-इंडिकेटर मेथड पर आधारित है।
वित्त मंत्रालय ने GDP के 6.5% के पार रहने की आशा जताई थी
29 दिसंबर को जारी की गई एनुअल इकोनॉमिक रिव्यू रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय ने आशा जताई थी कि जुलाई-सितंबर के ब्लॉकबस्टर आंकड़ों के बाद FY 2023-24 में हिंदुस्तान की GDP ग्रोथ दर उसके 6.5% के पूर्वानुमान को आराम से पार कर जाएगी।
मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के ऑफिसरों ने कहा, ‘विकास और स्थिरता के दृष्टिकोण के लिए जोखिम मुख्य रूप से राष्ट्र के बाहर से उत्पन्न होते हैं। फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था को 2023-24 में 6.5% से ऊपर की ग्रोथ दर आराम से हासिल करने की आशा है।’
वित्त साल 2023-24 की दूसरी तिमाही में आशा से बेहतर वृद्धि और पहली छमाही में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में हिंदुस्तान के उभरने से विकास की संभावनाओं में सुधार हुआ है। वहीं विभिन्न घरेलू और तरराष्ट्रीय एजेंसियों को चालू वित्त साल के लिए GDP वृद्धि अनुमानों को एडवांस करने के लिए प्रेरित किया है।
जुलाई-सितंबर में हिंदुस्तान की GDP ग्रोथ दर 7.6% रही
स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री द्वारा 30 नवंबर को जारी आंकड़ों से पता चला है कि जुलाई-सितंबर में हिंदुस्तान की GDP ग्रोथ दर 7.6% रही, जो अर्थशास्त्रियों की 6.8% की आशा से काफी अधिक है। डेटा जारी होने के कुछ दिनों बाद आरबीआई (RBI) ने 2023-24 के लिए अपने ग्रोथ फोरकास्ट को 50 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर 7.0% कर दिया।
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट क्या है?
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP राष्ट्र के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें राष्ट्र की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है।
दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल और नॉमिनल। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। अभी GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। यानी 2011-12 में गुड्स और सर्विस के जो दर थे उस हिसाब से कैलकुलेशन। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब सरकार स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है