Murder: दोस्त के नाम से लिया था एसी का लोन, नहीं चुकाने के लिए कर डाला ये कांड
उधार लेकर दुकान में एसी लगवाया
रानोली थाना अधिकारी उमराव सिंह ने कहा कि आरोपी नरेंद्र ने मृतक जगदीश के नाम पर दो लोन ले रखे थे। जिसमें पहला लोन एक लाख का था और दूसरा उनके सैलून पर लगे एसी के लिए करीब 37 हजार का लोन था। जिसकी किश्तें उसे चुकानी थीं. ऐसे में किस्त से बचने के लिए उसने जगदीश की मर्डर की योजना बनाई.
50 हजार की किश्तें भारी थीं
एसपी यादव ने कहा कि नरेंद्र ने स्वयं सहायता समूहों समेत विभिन्न वित्तीय संस्थानों से 8-9 बार लोन लिया था। जिसकी किश्त करीब 50 हजार रुपये उसे चुकानी थी. इनमें से दो लोन उसने अपने दोस्त जगदीश के नाम पर लिए थे. जो ईंट भट्टे पर मजदूरी का काम करता था।
24 दिन बाद मृतशरीर मिला
27 मार्च को शाम चार बजे जगदीश प्रसाद नरेंद्र की दुकान से मोबाइल टेलीफोन लाने की बात कहकर घर से निकला था. उसके बाद वह वापस नहीं आया. काफी तलाश के बाद भी जब उसका पता नहीं चला तो पिता बाबूलाल ने 12 अप्रैल को रानोली पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसके बाद रानोली पुलिस को 20 अप्रैल को रानोली नदी में एक मृतशरीर मिला। उसकी पत्नी बिमलेश ने उसके कपड़ों, बेल्ट और ताबीज के आधार पर उसकी पहचान की. उन्होंने मर्डर की संभावना जताते हुए केस दर्ज कराया, लेकिन पुलिस जांच में पता चला कि नरेंद्र ने मृतक के नाम पर ऋण लिया था. जांच करने पर पता चला कि नरेंद्र ही कातिल है.
100 किलोमीटर चलने के बाद रास्ते में रखा एक पत्थर टकराया
पुलिस के मुताबिक, जगदीश को शराब पीने के बहाने कार में बिठाया गया. इसके बाद उसे शराब पिलाकर आसपास के गांवों में 100 किमी से अधिक घुमाया गया. इसी दौरान रास्ते में उसे मारने के लिए उसने कार में एक बड़ा पत्थर रख लिया। बाद में वह उसे रानोली नदी क्षेत्र में ले गया और उसी पत्थर से जगदीश पर धावा कर दिया. फिर उसने मृतशरीर को मिट्टी में दबा दिया और एक होटल के बाहर कार में सो गया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद कर ली है।