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मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने अपने पिता को लेकर की ये बड़ी मांग

गैंगस्टर और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने अपने पिता को यूपी की बांदा कारावास से राज्य के बाहर किसी अन्य कारावास में स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है उन्होंने उच्चतम न्यायालय से मांग की है कि उनके पिता को किसी ऐसे राज्य की कारावास में भेजा जाए, जहां बीजेपी (भाजपा) का शासन नहीं है उन्होंने बोला है कि, बीजेपी शासित राज्यों में उनके पिता की मर्डर हो सकती है

उमर अंसारी की याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि उसके पिता को सिर्फ़ वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों के समक्ष पेश किया जाए, जिसमें बोला गया है कि उनके पिता राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के विरोधी एक सियासी दल से हैं, दोनों “राजनीतिक और वैचारिक रूप से” और उनका परिवार “उत्पीड़न” का लक्ष्य रहा है” उमर द्वारा दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि राज्य लगातार उनके परिवार, विशेषकर उनके पिता के विरुद्ध पर्सनल रूप से शत्रुतापूर्ण रुख अपना रहा है, लेकिन अब याचिकाकर्ता के पिता (मुख़्तार) को विश्वसनीय जानकारी मिली है कि उनका जीवन गंभीर खतरे में है और बांदा कारावास में उनकी मर्डर करने के लिए राज्य प्रतिष्ठान के भीतर कई लोग षड्यंत्र रच रहे हैं

उमर ने अपनी याचिका में आगे बोला है कि वह अपने पिता के लिए बहुत भयभीत और चिंतित है और “उसे बांदा कारावास में अपने पिता के जीवन और अंग के लिए एक गंभीर और आसन्न खतरे की संभावना है” उमर द्वारा दाखिल याचिका में बोला गया है कि मई में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके पिता की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया था, जबकि उनकी मां ने उनके पिता की सुरक्षा, सुरक्षा की मांग करते हुए दाखिल एक याचिका पर सुनवाई की थी, जब कुछ अज्ञात और संदिग्ध लोग उनके पिता की कारावास बैरक में आए थे 18 मई को उच्च न्यायालय ने सुरक्षा बढ़ाने का आदेश पारित किया था

उमर अंसारी की याचिका में बोला गया है कि, ‘याचिकाकर्ता हाल की घटनाओं से बहुत परेशान है, जिसमें बीजेपी नेता कृष्णानंद राय मर्डर मुद्दे में उनके पिता के साथ आरोपी व्यक्तियों और अन्य मामलों में सह-अभियुक्तों की हत्याएं शामिल हैं परिस्थितियां विशेष रूप से अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मर्डर में राज्य की भागीदारी का सुझाव देती हैं, जो पूर्ण पुलिस सुरक्षा में थे उमर की याचिका में बोला गया है, इन घटनाओं के कारण, याचिकाकर्ता अपने पिता के जीवन के लिए संभावित खतरे के बारे में चिंतित है

याचिका में यह भी दावा किया गया है कि चिंता इसलिए पैदा होती है, क्योंकि उनके पिता कई आपराधिक मामलों में गवाह हैं, जहां सत्तारूढ़ बीजेपी के प्रभावशाली सदस्यों पर इल्जाम लगे हैं याचिका में सुझाव दिया गया है कि याचिकाकर्ता के पिता (मुख्तार अंसारी) के जीवन को खतरे में डालने और इन आपराधिक मामलों की प्रगति में बाधा डालने के गुप्त और प्रत्यक्ष दोनों कोशिश किए जा रहे हैं

मुख़्तार अंसारी और कांग्रेस पार्टी में क्या संबंध:-

बता दें कि, उमर अंसारी और विधायक अब्बास अंसारी के पिता माफिया मुख़्तार अंसारी के कांग्रेस पार्टी के साथ पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं, गैंगस्टर के दादा मुख़्तार अहमद अंसारी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और 10 वर्ष तक राष्ट्र के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी, मुख़्तार के चाचा हैं हामिद अंसारी पर भी उपराष्ट्रपति रहते समय R&AW एजेंट्स की जान खतरे में डालने के इल्जाम लगे थे कांग्रेस पार्टी से इन्ही संबंधों का नतीजा था कि, पंजाब की कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने मुख़्तार को अपनी कारावास में रोके रखने के लिए हर संभव प्रयास की थी बाद में पता चला था कि, पंजाब गवर्नमेंट मुख़्तार को कारावास में VIP ट्रीटमेंट दे रही थी पंजाब की AAP गवर्नमेंट में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दावा किया था कि, पूर्व की कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने मुख़्तार को कारावास में VIP ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए

बता दें कि, मुख्तार पंजाब की कारावास में 2 वर्ष 3 महीने तक बंद रहे बाद में न्यायालय के आदेश पर मुख्तार को उत्तर प्रदेश की बांदा कारावास में शिफ्ट किया गया बता दें कि मुख़्तार अंसारी पर हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती के कई मुद्दे दर्ज हैं, जिसमे से अकेले 302 यानी मर्डर के ही 18 मुद्दे हैं, ये तो वो मुद्दे हैं, जो पुलिस थानों के रिकॉर्ड में हैं, इसके अतिरिक्त न जाने कितने और क्राइम होंगे, जो राजनीति की सफ़ेद पोशाख में छुपे हुए होंगे और राजनीतिक संरक्षण के चलते दबा दिए गए होंगे अब यदि उमर अंसारी की मांग को उच्चतम न्यायालय मान लेता है, और मुख़्तार को किसी गैर-भाजपा राज्य में शिफ्ट किया जाता है, तो हो सकता है कि गैंगस्टर फिर कारावास में ठाठ-बाट से रहने लगे और वहीं से अपने अपराध का साम्राज्य चलाने लगे

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