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मराठा नेताओं ने हमारा समर्थन नहीं किया और हमें आरक्षण नहीं दिया :मनोज जरांगे

छत्रपति संभाजीनगर कार्यकर्ता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने बुधवार को दावा किया कि मराठा नेताओं (Maratha Leaders) ने पूर्व में समुदाय के लिए आरक्षण (Naratha Reservation) का समर्थन नहीं किया और मराठाओं को आरक्षण न देने के लिए गवर्नमेंट पर 30-40 सालों से ओबीसी नेताओं का भी दबाव था जरांगे ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर स्थित एक निजी हॉस्पिटल में संवाददाताओं से कहा, “अगर हमें 24 दिसंबर तक आरक्षण नहीं दिया गया तो हम इन नेताओं के नामों का खुलासा करेंगे

वह आरक्षण की मांग को लेकर अनशन कर रहे थे जो उन्होंने पिछले हफ्ते खत्म कर दिया अब छत्रपति संभाजीनगर स्थित हॉस्पिटल में उनका उपचार हो रहा है महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने जरांगे के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाणपत्र देने की व्यवहार्यता का शोध करने के लिए गठित न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) समिति का दायरा बढ़ा दिया है

जरांगे की मांगों में मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाना भी शामिल है, ताकि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अनुसार आरक्षण मिल सके महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा (अजित पवार गुट) के नेता छगन भुजबल ने सोमवार को बोला कि ओबीसी श्रेणी के अनुसार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के “पिछले दरवाजे” से होने वाले प्रयासों का विरोध किया जाएगा उन्होंने यह भी बोला कि अत्याचार और दबाव की रणनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी

जरांगे ने बुधवार को कहा, “मराठा नेताओं ने हमारा समर्थन नहीं किया और उन्होंने हमें आरक्षण नहीं दिया इसके अतिरिक्त गवर्नमेंट पर 30-40 वर्ष से ओबीसी नेताओं का दबाव था इसलिए हमें आरक्षण नहीं मिला यदि 24 दिसंबर तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दिया गया तो हम इन नेताओं के नामों का खुलासा करेंगे” उन्होंने बोला कि आरक्षण श्रेणी में शामिल होने के बाद जो सुविधाएं ओबीसी को मिल रही हैं, वे मराठा समुदाय को भी दी जानी चाहिए

जरांगे ने कहा, “सरकार को हमें वे नौकरियां भी देनी चाहिए जो उसने पहले नहीं दी थीं हमें वे सभी फायदा मिलने चाहिए जो आज ओबीसी वर्ग को मिलते हैं, जिसमें सियासी फायदा भी शामिल है” उन्होंने कहा, “हालांकि राज्य में ओबीसी द्वारा रैलियां निकाली जा रही हैं, लेकिन गांवों में लोग जानते हैं कि यदि हमारे पास सबूत है, तो हमें (मराठा समुदाय) भी आरक्षण दिया जाना चाहिए यदि हमारे पास कोई सबूत नहीं होता, तो वे हमारे आरक्षण का विरोध करते

कार्यकर्ता ने यह भी बोला कि ओबीसी नेताओं को यह बताना चाहिए कि वे मराठा आरक्षण का विरोध क्यों कर रहे हैं उन्होंने कहा, “उन्हें इसका विरोध करने का कारण बताना चाहिए ओबीसी को जो मिल रहा है, वही हमें भी मिलना चाहिए” जरांगे ने महाराष्ट्र गवर्नमेंट से यह भी अपील की कि मराठा आरक्षण की मांग के समर्थन में अपनी जान देने वाले लोगों के परिवारों को सहायता प्रदान की जाए उन्होंने बोला कि ऐसे परिवारों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ सरकारी नौकरियां भी मिलनी चाहिए और इसका निर्णय आज की कैबिनेट बैठक में लिया जाना चाहिए (

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