इसके बाद उसने सुबह पांच बजे के बाद पैंट्री कार में एक अन्य यात्री और पैंट्री कार के बगल में एस6 बोगी में एक और यात्री की गोली मारकर मर्डर कर दी. रेलवे पुलिस ने कहा कि मृतकों की पहचान पालघर के नालसोपोरा के निवासी अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (58) और बिहार के मधुबनी के निवासी असगर अब्बास शेख (48) के रूप में हुई है. जीआरपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि तीसरे मृतक की पहचान सैयद एस। (43) के रूप में हुई है. ऑफिसरों के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की है.
मुंबई की एक न्यायालय ने चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की गोली मारकर मर्डर करने के इल्जाम में अरैस्ट रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह को मंगलवार को सात अगस्त तक राजकीय रेलवे पुलिस की हिरासत में भेज दिया.
पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल की हिरासत मांगते हुए न्यायालय से बोला किउसकी मानसिक स्थिति की अभी जांच नहीं की गई है और वह योगदान नहीं कर रहा है.
इससे पहले, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बोला था कि 33 वर्षीय आरोपी बहुत गुस्सैल है.
सिंह को अपराह्न करीब डेढ़ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच यहां मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश किया गया.
सिंह को पुलिस स्टेशन से बोरीवली की क्षेत्रीय न्यायालय में लाने पर जीआरपी ऑफिसरों ने मीडिया की नजरों से बचने के लिए अपने गाड़ी की खिड़की के शीशे कोटी-शर्ट और शर्ट का इस्तेमाल कर ढक दिया.
मजिस्ट्रेट ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मीडिया को न्यायालय कक्ष में आने से रोक दिया. मुद्दे से नहीं जुड़े वकीलों को भी कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई.
जीआरपी ने मुद्दे को गंभीर बताते हुए सिंह की 14 दिन की हिरासत मांगी.
जांच अधिकारी ने
बताया कि आरोपी की मेडिकल जांच होनी बाकी है.
पुलिस ने न्यायालय को कहा कि घटना चलती ट्रेन में हुई. घटनाओं के अनुक्रम की अभी जांच की जानी है और अधिक सबूत एकत्र किए जाने हैं.
पुलिस ने न्यायालय में बोला कि आरोपी जांच में योगदान नहीं कर रहा है और गुमराह करने वाला उत्तर दे रहा है. आरोपी के कृत्य के पीछे का कारण जानने के लिए गहन जांच की जरूरत है.
पुलिस ने बोला कि सिंह ने ट्रेन में ‘एस्कॉर्ट ड्यूटी’ के दौरान अपने वरिष्ठ सहयोगी की गोली मारकर मर्डर कर दी और यह पता लगाने की आवश्यकता है कि क्या घटना के दिन ड्यूटी के दौरान दोनों के बीच कोई टकराव हुआ था.
पुलिस ने बोला कि अभी इसकी जांच होनी बाकी है कि क्या सिंह ने किसी के कहने पर यह क्राइम किया.
दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी को सात अगस्त तक जीआरपी की हिरासत में भेज दिया.
यह घटना सोमवार सुबह महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में हुई. सुबह लगभग छह बजे मीरा रोड स्टेशन (मुंबई उपनगरीय नेटवर्क पर) के पास यात्रियों द्वारा जंजीर खींचने के बाद ट्रेन रुकने पर भागने की प्रयास करते समय सिंह को पकड़ लिया गया.
सिंह ने अपने स्वचालित हथियार से बी5 कोच में आरपीएफ के सहायक उप-निरीक्षक टीकाराम मीणा और एक अन्य यात्री की गोली मारकर मर्डर कर दी.
इसके बाद उसने सुबह पांच बजे के बाद पैंट्री कार में एक अन्य यात्री और पैंट्री कार के बगल में एस6 बोगी में एक और यात्री की गोली मारकर मर्डर कर दी.
रेलवे पुलिस ने कहा कि मृतकों की पहचान पालघर के नालसोपोरा के निवासी अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (58) और बिहार के मधुबनी के निवासी असगर अब्बास शेख (48) के रूप में हुई है.
जीआरपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि तीसरे मृतक की पहचान सैयद एस। (43) के रूप में हुई है.
अधिकारियों के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की है.