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भारी बर्फबारी से कश्मीर घाटी में जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

Snowfall In Jammu Kashmir: श्रीनगर सहित कश्मीर में इस मौसम की भारी बर्फबारी देखने को मिली है, जबकि मौसम वैज्ञानिकों ने और बर्फबारी की भविष्यवाणी की है आधी रात के दौरान बर्फबारी प्रारम्भ हो गई, जिससे पूरे मैदानी इलाकों में 5 से 6 इंच बर्फ जमा हो गई, और ऊंचाई वाले इलाकों में लगभग 3 से 4 फीट बर्फ जमा हो गई मौसम विभाग ने बोला कि मैदानी इलाकों में 5-6 इंच बर्फबारी हुई, जबकि कश्मीर डिवीजन के मध्य और ऊंचे इलाकों में 8-12 इंच ताजा बर्फबारी दर्ज की गई श्रीनगर में 6 इंच बर्फबारी दर्ज की गई, जबकि और बर्फबारी हो रही है काजीगुंड में 10 इंच, पहलगाम में 12 इंच, कुपवाड़ा में 21 इंच, कोकेरनाग में 11 इंच और गुलमर्ग में 20 इंच बर्फ हुई

असल में पूरी घाटी में तापमान अभी भी हिमांक बिंदु से नीचे बना रहा, श्रीनगर में तापमान शून्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, काजीगुंड में शून्य से 2.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया पहलगाम का तापमान शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे, कोकरनाग का तापमान शून्य से 3.0 डिग्री सेल्सियस नीचे, मशहूर स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग का न्यूनतम तापमान शून्य से 7.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया

धीरे-धीरे सुधार होने की संभावना
मौसम विभाग के अधिकारी ने पूर्वानुमान के संबंध में बोला कि रविवार को दोपहर और देर शाम तक कई स्थानों पर मामूली से मध्यम बर्फबारी जारी रहने और उसके बाद धीरे-धीरे सुधार होने की आसार है इस बीच भारी बर्फबारी से कश्मीर घाटी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, हवाई और ज़मीनी परिवहन दोनों ठप रहे

निर्धारित सभी उड़ानें रद्द
ताजा बर्फबारी और खराब मौसम के कारण श्रीनगर तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आज के लिए निर्धारित सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं श्रीनगर हवाई अड्डे के निदेशक ने बोला कि खराब मौसम के कारण आज के लिए निर्धारित सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं इसके अतिरिक्त भारी बर्फबारी के मद्देनजर घाटी में सुबह से सात ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं

वहीं रामबन में भूस्खलन के कारण श्रीनगर जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग भी बांध हो गया, जिससे ऑफिसरों को इसे पर यातायात बांध करना पड़ा जम्मू और कश्मीर ट्रैफिक पुलिस ने एक्स पर पोस्ट में कहा, “किश्तवारी पथेर, शेरबीबी में भूस्खलन के कारण जम्मू श्रीनगर एनएचडब्ल्यू बांध हो गया लोगों को मौसम में सुधार होने और सड़क साफ होने तक एनएच-44 पर यात्रा करने से बचने की राय दी जाती है

राजमार्ग यातायात बंद 
जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग के अतिरिक्त मुगल रोड, अनंतनाग-किश्तवाड़ रोड, श्रीनगर-लेह रोड, बांदीपोरा-गुरेज़ रोड सहित अन्य सभी राजमार्ग जो कश्मीर को राष्ट्र के बाकी हिस्सों से जोड़ते हैं, यातायात के लिए बंद हैं, यहां तक ​​कि कुपवाड़ा जिले की सीमाओं की सभी सड़कें भी बंद हैं हालांकि गाड़ी यातायात के लिए कर्मचारी और मशीनरी जल्द से जल्द यातायात बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं

इस बीच ऑफिसरों ने हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है, जिसमें अगले 24 घंटों में बांदीपुर, बारामूला, गांदरबल, कुपवाड़ा, डोडा, किश्तवाड़, पुंछ और रामबन जिलों में समुद्र तल से 2400 मीटर से ऊपर मध्यम खतरे का स्तर होने की आसार है इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने और अगले आदेश तक हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की राय दी जाती है इमरजेंसी सहायता के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर 112 बनाया गया है, इसके अतिरिक्त कश्मीर के प्रत्येक जिले में एक बर्फ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जो इमरजेंसी स्थितियों में लोगों को समय पर सहायता प्रदान कर सकता है

यह भारी बर्फबारी कश्मीर में पर्यटन को भी बचाने के लिए काम करने लगी है, कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है जैसे ही स्वर्ग बर्फ की सफेद चादर से ढक गया बर्फबारी ने पर्यटकों के साथ-साथ पर्यटन खिलाड़ियों को भी खुश कर दिया पिछले कुछ महीनों में अच्छी बर्फबारी के अभाव में उद्योग को बड़ा झटका लगा, क्योंकि कई पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी और टूर ऑपरेटरों को बहुत कम या कोई बुकिंग नहीं मिल रही थी लेकिन इस भारी बर्फबारी ने कश्मीर की तस्वीर बदल दी, सैकड़ों पर्यटक गुलमर्ग, सोनमर्ग रिसॉर्ट्स और कश्मीर के अन्य पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं, जिससे कश्मीर में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिला है

महेश कुमार ने बोला “ कश्मीर हमारे राष्ट्र की जन्नत है यहाँ जैसी शांति कही नहीं हम बड़े लकी है जैसे हम आये बर्फ प्रारम्भ होगी” मोनिका ने बोला “ हम जैसे ही लैंड किया हेम बर्फ मिली हम बहुत क़िस्मत वाले हैं हम हर स्थान घूमने जायेगी”

उधर ऑफिसरों ने गुलमर्ग में चौथे खेलो इण्डिया शीतकालीन खेलों को पुनर्निर्धारित किया है, जिन्हें पहले गुलमर्ग में बर्फ ना होने के कारण रद्द कर दिया गया था पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का बोलना है बर्फ़बारी होने से काम बाद गया है और बुकिंग बड़ गई है आशा है कि इस बर्फ़बारी से विंटर पर्यटन को काफ़ी बड़ा मिलेगा

टूरिस्ट गाइड आसिफ़ कहते हैं “ बर्फ नहीं हो रही थी हम बहुत दुखी थे मगर अब बर्फ ने हेम फिर रोज़गार दिया है पर्यटक आने लगे हैं” होटल मैनेजर सजद अहमद ने बोला “ ड्राई स्पेल में काफ़ी बुकिंग कैंसिल हुवी जब भी कॉल आता था लोग पूछते थे बर्फ हुवी मगर अब जब बर्फ हुवी तो बुकिंग काफ़ी बाद गई है आशा हैं विंटर टूरिज्म अच्छा जाएगा

वहीं इसके उलट कश्मीर में इस तरह की बर्फ़बारी ने जलवायु बदलाव की बहस को भी हवा दे दी है इसका कारण यह है कि मौसम की आरंभ में बर्फबारी नहीं थी लेकिन जब अचानक यह प्रारम्भ हुई तो भयंकर हुई है लोगों का बोलना है पहले भी घाटी में बर्फ़बारी होती थी लेकिन यह कैसा जलवायु बदलाव है जो अचानक से मौसम में बदलाव का कारण बन रहा है

इधर उत्तराखंड की बात करें तो उंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात, निचले इलाकों में बारिश ने ठंड बढ़ा दी है बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड और औली में बर्फबारी हुई है देहरादून जिले के चकराता तथा उत्तरकाशी जिले के चौरंगीखाल और नचिकेता ताल में भी हिमपात हुआ है देहरादून सहित प्रदेश के कई स्थानों पर शनिवार रात से ही बारिश जारी है उंचाई वाले इलाकों में हिमपात और निचले इलाकों में बारिश होने से ठंड बढ़ गयी है

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