मध्य प्रदेश में बीजेपी ने मोहन यादव का चयन सीएम पद के लिए किया। बीजेपी के इस सरप्राइज निर्णय से जहां एकतरफ मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारे से लेकर आमजन तक दंग हैं तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी इस निर्णय की चर्चा तेजी से हो रही है। लगातार चार बार सीएम बने शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी ने इसबार रीपिट नहीं किया और अब यादव समुदाय के एक नेता को मध्य प्रदेश के सत्ता की गद्दी सौंपी हैं। इसे लेकर बिहार में भी हलचल तेज है। बीजेपी से लेकर भिन्न-भिन्न दलों के अंदर चर्चाओं का बाजार गरम है। वहीं बिहार के लोग भी बीजेपी के इस निर्णय को अपने-अपने ढंग से देख रहे हैं।
आरजेडी नेता ने किया ट्वीट।।
मध्य प्रदेश में मोहन यादव को बीजेपी ने अगला सीएम चुना तो बिहार का राजनीतिक पारा भी इससे चढ़ा। भाजपा के इस निर्णय के बाद से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं आने लगीं। राजद के IT सेल से जुड़े युवा आरजेडी के एक नेता ने अपने वेरिफाइड X से मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनने की शुभकामना दी। साथ ही लिखा कि बिहार में जातीय गणना कराकर यादवों सहित सभी जातियों की संख्या लाने का लाभ मध्य प्रदेश में देखने को मिला। तेजस्वी यादव के कारण ही बीजेपी मध्य प्रदेश में यादव मुख्यमंत्री बनाने पर विवश हुई। ऐसे ही कई और तेजस्वी समर्थकों ने ट्वीट किए। हालांकि राजद के प्रवक्ताओं और दिग्गज नेताओं की ओर से बीजेपी के इस निर्णय पर कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
सुशील मोदी ने क्या कहा।।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने भी इसे लेकर एक ट्वीट किया है। सुशील मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने जाने के लिए मोहन यादव को शुभकामना दी और राजद पर इसी बहाने निशाना साधा। सुशील मोदी ने लिखा कि आरजेडी तो बिहार में किसी यादव को मुख्यमंत्री नहीं बना पाई लेकिन भाजपा ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सीएम बना दिया। पूर्व उप सीएम एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बोला कि बिना मुख्यमंत्री फेस घोषित किये तीन हिंदी प्रदेशों में चुनाव लड़ने और तीनों राज्यो में साफ बहुमत पाने के बाद बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय के विष्णु साय, मध्य प्रदेश में पिछड़े वर्ग के डाॅ मोहन यादव और राजस्थान मे सवर्ण समाज के भजन लाल शर्मा को सीएम बना सामाजिक इन्साफ का ऐसा उदाहरण सामने रखा है, जिससे 2024 से पहले इंडी गठबंधन की हवा निकल गयी।
सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चा।।
सोशल मीडिया पर भी यादव समुदाय के चेहरे को मध्य प्रदेश में सीएम के तौर पर चुनने के बाद से ही चर्चााओं का बाजार गरम है। इसे सभी भिन्न-भिन्न चश्मे से देख रहे हैं। बता दें कि बिहार में यादव वोटबैंक का मजबूत असर चुनावों में पड़ता है। सभी राजनीतिक दलें यादव वोटरों को अपनी ओर करने में जुटते हैं। वहीं बीजेपी की ओर से सीएम उम्मीदवार बिहार में कौन होगा, इसके लिए भी हमेसा भिन्न-भिन्न कयास लोग अपने हिसाब से लगाते रहे हैं। बीजेपी इस बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले कई दिग्गज नेताओं को अक्सर बिहार में एक्टिव रखती है।
अमित शाह का बयान।।
याद दिला दें कि गृह मंत्री अमित शाह जब 5 नवंबर को मुजफ्फरपुर के पताही हवाई अड्डा मैदान पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने जातीय सर्वे को लेकर बिहार गवर्नमेंट पर धावा कहा था और इल्जाम लगाए थे कि जातीय सर्वे के आंकड़े तुष्टीकरण की राजनीति से प्रभावित हैं। मुसलमान और यादवों की संख्या को बढ़ाकर बताने का इल्जाम बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तब लगाया था। उनके इस बयान ने एक अलग ही मामला सूबे में छेड़ दिया था। वहीं जब रविवार को गृह मंत्री अमित शाह पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के लिए पटना आए तो मीडिया से वार्ता के दौरान उन्होंने फिर से ये इल्जाम लगाए। लेकिन इसबार उन्होंने यादव जाति का नाम नहीं लिया था। अमित शाह ने मुसलमान समेत कुछ जाति विशेष शब्दों का जिक्र इसबार किया था।
भाजपा के निर्णय का बिहार में दिखेगा असर?
बता दें कि मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सीएम बनाने के बीजेपी के इस निर्णय को कई स्थान लोग इस नजरिए से भी देख रहे हैं कि इससे बिहार में बीजेपी के उन कार्यकर्ताओं का आत्मशक्ति बढ़ेगा जो इस बिरादरी से आते हैं। हालांकि बीजेपी का मध्य प्रदेश में बनायी इस रणनीति और निर्णय की वजह क्या है, ये सिर्फ़ भाजपा का आलाकमान ही जानता है और बिहार में इसका कितना असर दिखेगा, यह भी भविष्य ही तय करेगा।