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क्या पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने पर कर्मचारियों की टेक होम सैलरी बदल जाएगी, जानें

Old Pension: हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा के बाद एक बार फिर नई और पुरानी पेंशन को लेकर बहस शुरू हो गई है.

कर्मचारी लगातार इसके फायदे गिनाकर पुरानी पेंशन को दोबारा लागू करने की बात करते हैं, जबकि सरकारें कहती हैं कि नई पेंशन ज्यादा कारगर है.

भले ही पुरानी पेंशन को कर्मचारियों के हित में बताया जा रहा हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लागू होने से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी पर असर पड़ेगा।

इस बारे में जब हमने निवेश सलाहकार मनोज जैन से बात की तो उन्होंने बताया कि नई और पुरानी पेंशन स्कीम के नियमों में अंशदान के मामले में काफी अंतर है.

ऐसे में एनपीएस के तहत की जा रही कटौती के बाद कर्मचारियों के हाथ में आने वाली सैलरी और पुरानी पेंशन लागू होने के बाद आने वाली सैलरी में काफी अंतर होगा. राज्य सरकारें कर्मचारियों के स्लैब के हिसाब से पुरानी पेंशन काटती हैं, जो एनपीएस से ज्यादा भी हो सकती है।

एनपीएस में कटौती का नियम क्या है?

एनपीएस के तहत पेंशन फंड में कटौती का नियम यह है कि कर्मचारी के बेसिक और डीए से 10 फीसदी रकम काटकर इसमें जोड़ दी जाती है. वहीं, इस एनपीएस खाते में सरकार की ओर से 14 फीसदी रकम जमा की जाती है.

यानी फंड में जमा कुल रकम कर्मचारी के बेसिक और डीए का 24 फीसदी है, लेकिन इसमें कर्मचारी का योगदान सिर्फ 10 फीसदी है, जबकि नियोक्ता का योगदान 14 फीसदी है.

कितना पैसा आएगा हाथ में

इसे आंकड़ों से समझें तो मान लीजिए किसी कर्मचारी की सैलरी बेसिक और डीए मिलाकर 50 हजार रुपये है. ऐसे में उनके खाते से एनपीएस में 10 फीसदी (5 हजार रुपये) की कटौती होगी.

और आपको 45 हजार रुपये सैलरी मिलेगी. इस दौरान कर्मचारी के बेसिक और डीए का 14 फीसदी (7,000 रुपये) सरकार की ओर से उसके फंड में जमा किया जाएगा.

पुरानी पेंशन कटौती का क्या है नियम?

पुरानी पेंशन के रूप में कर्मचारियों का जीपीएफ खाता खोला जाता है। इसमें उनके सैलरी स्ट्रक्चर यानी स्लैब के मुताबिक सैलरी से रकम काटी जाती है.

वैसे तो जीपीएफ में न्यूनतम कटौती मूल वेतन और डीए का 6 प्रतिशत है, लेकिन कर्मचारी अपनी इच्छानुसार कितनी भी राशि का योगदान कर सकता है। यह उनकी सैलरी का 100 फीसदी भी हो सकता है. इस पूरी रकम पर तय ब्याज दिया जाएगा और रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को एकमुश्त रकम दी जाएगी.

अब कितनी होगी टेक होम सैलरी?

पुरानी पेंशन यानी जीपीएफ के नजरिए से देखें तो अगर किसी कर्मचारी का स्लैब 50 हजार रुपये है तो उसकी सैलरी से कम से कम 6 फीसदी (3,000 रुपये) की कटौती की जाएगी. ऐसे में उनकी टेक होम सैलरी 47 हजार रुपये होगी जो एनपीएस के मौजूदा नियम से ज्यादा होगी. हालांकि,

कर्मचारी चाहे तो कटौती की रकम बढ़ा भी सकता है और उसे रिटायरमेंट रकम भी ज्यादा मिलेगी. राजस्थान सरकार ने हाल ही में पुरानी पेंशन योजना लागू की है और कर्मचारियों के वेतन से जीपीएफ में स्लैब के तहत पैसा काटा जा रहा है. ऐसे में उनके हाथ में टेक होम सैलरी बढ़ गई है.

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