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हिंदू पक्ष की तरफ से अब तक भोजशाला को लेकर क्या क्या मांग अदालत में की गई हैं, जाने,…

What is MP Bhojshala Controversy: मध्य प्रदेश में धार की भोजशाला मंदिर है या फिर मस्जिद, ये टकराव कई दशकों पुराना है अब काशी के ज्ञानवापी परिसर में पूजा की अनुमति मिलने के बाद धार की भोजशाला में भी हिंदू पक्ष ने एएसआई सर्वे की मांग कर दी है आखिर हिंदू और मुस्लिमों के बीच धार की भोजशाला का टकराव क्या है हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ट्रस्ट ने उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के सामने एएसआई सर्वे की अपील की है न्यायालय ने अभी इस मांग पर कोई आदेश नहीं दिया है लेकिन बताया जा रहा है कि यह मुद्दा अब आगे सुर्खियों में बना रहेगा सबसे पहले आप समझिए हिंदू पक्ष की तरफ से अब तक भोजशाला को लेकर क्या क्या मांग न्यायालय में की गई हैं:-

भोजशाला पर हिंदू पक्ष की मांग

  • भोजशाला को मंदिर माना जाए
  • लंदन से लाकर वाग देवी की प्रतिमा स्थापित हो
  • विधिवत पूजा अर्चना की इजाजत मिले
  • नमाज को बंद करवाया जाए
  • भोजशाला का व्यापक ASI सर्वेक्षण

दोनों पक्षों ने रखे अपने- अपने तर्क

हिन्दू पक्ष का मानना है कि सर्वेक्षण के दौरान खुदाई में मूर्तियों समेत ऐसे बहुत से साक्ष्य मिल जाएंगे, जिससे यह साफ़ हो सकेगा कि यह मस्जिद नहीं बल्कि पूरी तरह से मंदिर है इसके साथ ही सर्वेक्षण के बाद ही ज्ञानवापी मुद्दे की तरह धार की भोजशाला में भी पूजा का अधिकार मिल सकेगा

मुस्लिम पक्ष ने इस पर विरोध दर्ज करते हुए बोला है कि पहले से दर्ज याचिका के बीच इस आवेदन का औचित्य नहीं है साथ ही मुसलमान पक्ष की तरफ से दर्ज याचिका की सुनवाई करने की भी मांग की गई है

फिलहाल कुछ ऐसी बनी हुई है व्यवस्था

फिलहाल अप्रैल 2003 में न्यायालय के निर्देशों के बाद धार की भोजशाला को मंगलवार के दिन हिन्दुओं के लिए खोला जाता है ताकि वो पूजा कर लें जबकि शुक्रवार की दोपहर में मुसलमान समाज को नमाज की अनुमति दी गई है बाकी दिनों में ये आम जनता के लिए एक पर्यटन स्थल के तौर पर खुला रहता है

समझिए धार की भोजशाला का विवाद

हिन्दू इसे राजा भोज के समय की इमारत मानते हैं उनका बोलना है कि भोजशाला में सरस्वती देवी का मंदिर है बसंत पंचमी के दिन भोजशाला में मां सरस्वती की पूजा की जाती है

मुस्लिम पक्ष का क्या है दावा? 

वहीं मुस्लिम भोजशाला को जामा मस्जिद मानते हैं उनका दावा है कि बरसों से भोजशाला में नमाज पढ़ाई जा रही है इसलिए वह मस्जिद है वे उसे भोजशाला-कमाल मौलाना मस्जिद के नाम से पुकारते हैं

अदालत में गुरुवार को हुई सुनवाई में दोनों पक्षों ने न्यायालय के सामने अपने- अपने तर्क भी रखे भोजशाला उत्सव समिति के संयोजक गोपाल शर्मा ने कहा, ‘हमने एएसआई सर्वे की मांग की है भोजशाला में हिंदू मंदिर के चिह्न साफ साफ दिखाई देते हैं

फिलहाल न्यायालय ने नहीं दिया आदेश

फिलहाल इस मुद्दे में न्यायालय ने कोई आदेश नहीं दिया हैलेकिन हिंदू पक्ष को पूरी आशा है यदि इस इमारत का एएसआई सर्वेक्षण किया जाएगा तो भोजशाला के दावों सच्चाई सामने आ जाएगी

 

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