उमर अब्दुल्ला ने भाजपा पर साधा निशाना

उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर इसको लेकर निशाना साधा है. उन्होंने बोला कि यदि भाजपा डरी हुई है तो चुनाव नहीं होंगे और यदि वे लोगों का सामना करने के लिए तैयार हैं तो चुनाव कराने की संभावनाएं हैं.
विपक्षी दलों की ओर से जम्मू और कश्मीर में लगातार चुनाव कराने की मांग की जा रही है. विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल निर्वाचन आयोग (ईसी) से मुलाकात भी कर चुका है. इन सब के बीच चुनाव की मांग पर जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान सामने आया है. उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर इसको लेकर निशाना साधा है. उन्होंने बोला कि यदि भाजपा डरी हुई है तो चुनाव नहीं होंगे और यदि वे लोगों का सामना करने के लिए तैयार हैं तो चुनाव कराने की संभावनाएं हैं. केंद्र ने 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खारिज कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.
इसके बाद से अब तक बहां चुनाव नहीं हुए है. निर्वाचन आयोग (ईसी) से मुलाकात के बाद फारूक अब्दुल्ला ने बोला था कि सीईसी ने हमारी बात सुनी और आश्वासन दिया कि आयोग जल्द ही इस मामले पर चर्चा करने के लिए एक बैठक करेगा.” उन्होंने बोला कि प्रतिनिधिमंडल ने सीईसी और आयोग के अन्य सदस्यों को सूचित किया कि गवर्नमेंट जम्मू और कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने का दावा करती रही है और अब जिम्मेदारी (विधानसभा चुनाव कराने की) निर्वाचन आयोग पर है. वहीं पेपर लीक मुद्दे पर भी अपनी बात रखी.
उमर अब्दुल्ला ने बोला कि उन्हें एप्टेक पर रद्द करने के लिए विवश किया गया, वे एक फर्जीवाड़ा कंपनी क्यों लाए? यदि यह ब्लैक लिस्टेड कंपनी थी तो वे इसे पहले क्यों लाए? कंपनियां फ्रॉड हैं, अधिकारी फ्रॉड हैं यहां निष्ठावान लोगों और युवाओं के लिए कोई न्याय नहीं है. वहीं, उप गवर्नर ने कहा, ‘‘(विभिन्न सरकारी विभागों की रिक्तियों को भरने के लिए) परीक्षा कुछ समय के लिए स्थगित की गई है और जल्द जेकेएसएसबी संतुष्ट होने के बाद परीक्षा कराएगा.