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महाकाल मंदिर की तर्ज पर विकसित हुआ जगन्नाथ मंदिर

ओडिशा के सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJP) ने पुरी स्थित प्रतिष्ठित जगन्नाथ मंदिर के चारों ओर 800 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित आयताकार परिक्रमा पथ (Jagannath Temple Corridor) को अगले कुछ दिन में जनता को समर्पित करने के बाद आनें वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के लगभग 10,000 मंदिरों और विभिन्न पूजा स्थलों के जीर्णोद्धार का खाका तैयार कर पूरे प्रदेश का माहौल ‘जय जगन्नाथ’ मय करने की तैयारी कर ली है

बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर विकसित जगन्नाथ मंदिर की चारदीवारी के 75 मीटर के गलियारे का उद्घाटन अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले 17 जनवरी को सीएम नवीन पटनायक के हाथों होगा उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्र की कुछ नामचीन शख़्सियतों और शंकराचार्यों और सभी प्रमुख मंदिरों के शीर्ष प्रतिनिधियों के शामिल होने की आसार है हिंदू धर्म के अनुसार, पुरी राष्ट्र के चार पवित्र धामों में से एक हैयहां ईश्वर जगन्नाथ यानी श्रीकृष्ण, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं संबंधित पहल का उद्देश्य इस जरूरी तीर्थ स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराना है ताकि यहां उन्हें अच्छे से अच्छा अनुभव हो तथा इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को और भी मजबूती मिले ऑफिसरों ने कहा कि राज्य गवर्नमेंट पूरे प्रदेश में लगभग 10,000 पूजा स्थलों के नवीनीकरण का काम भी कर रही है और इन पर करीब 4,000 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे उनके अनुसार, 18 जनवरी से लगभग 15 दिन तक राज्य से रोजाना 10,000 तीर्थयात्रियों को मंदिर यात्रा की सुविधा भी प्रदान की जाएगी और इस उद्देश्य के लिए कुल 20 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है

पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने यहां कहा कि ‘श्री मंदिर परिक्रमा प्रकल्प’ सीएम पटनायक का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है और इसे तीन वर्ष में ही पूरा कर लिया गया उन्होंने कहा कि परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण सबसे चुनौतीपूर्ण काम था क्योंकि मंदिर परिसर के इर्द-गिर्द घनी जनसंख्या थी जो पीढ़ियों से यहां रह रही थी उन्होंने कहा, “लेकिन केवल एक महीने के भीतर करीब 26 एकड़ भूमि अधिग्रहीत कर ली गई किसी ने कोई विरोध नहीं किया और लोगों ने प्रभु जगन्नाथ के लिए खुशी-खुशी अपने घर, मकान और जमीन दे दिए”वर्मा ने कहा कि सभी लोगों का विभिन्न स्थलों पर पुनर्वास करा दिया गया है उन्होंने बोला कि परियोजना के लिए कुल 4.88 एकड़ निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें 445 दुकानें, 30 लॉज और 19 मठ थे इसके अतिरिक्त 49 कब्ज़ा हटाए गए हैं तथा 659 रेहड़ी-पटरी वालों को स्थानांतरित किया गया है परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण नवंबर 2019 में प्रारम्भ हुआ था पटनायक ने नवंबर 2021 में परियोजना की आधारशिला रखी थी वर्मा ने कहा कि परिक्रमा पथ के निर्माण और सौन्दर्यीकरण पर कुल 300 करोड़ रुपये जबकि लोगों के पुनर्वास पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं

उन्होंने बोला कि उद्घाटन कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा जो 15 जनवरी को प्रारम्भ हो जाएगा इस दौरान कई प्रकार के यज्ञ और पूजा पाठ और अन्य अनुष्ठान होंगे वर्मा के मुताबिक, 17 जनवरी को मुख्य आयोजन होगा और इस दौरान सीएम नवीन पटनायक परियोजना का उद्घाटन करेंगे जबकि पुरी गजपति महाराज दिव्यसिंह देव तीन दिन चलने वाले यज्ञ की पूर्णाहुति करेंगे आधिकारिक बयान में बोला गया कि उद्घाटन के दौरान वेदांग पंडित चार मंदिर द्वारों- सिंहद्वार, हस्तीद्वार, व्याघ्रद्वार और अश्वद्वार पर मंत्रों का जाप करेंगे तथा प्रत्येक द्वार पर 15 पंडित होंगे उद्घाटन में शामिल होने के लिए राष्ट्र के कोने-कोने से पुजारी, संत और धार्मिक नेता आएंगे तथा यज्ञ स्थल पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती विशेष रूप से मौजूद रहेंगे

इस परियोजना के अनुसार कई पार्किंग स्थल, श्री सेतु नाम का एक पुल, श्रद्धालु केंद्र, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक नई सड़क, शौचालय, पीने का पानी, सामान रखने का कक्ष, हाथ और पैर धोने की सुविधाएं, आराम के लिए आश्रय मंडप आदि बनवाए गए हैं जगन्नाथ मंदिर के पुजारी विनायक दास महापात्र ने पीटीआई-भाषा को कहा कि परिक्रमा प्रकल्प के पूरा हो जाने से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में निश्चित तौर पर वृद्धि होगी और क्षेत्रीय लोगों की आय बढ़ेगी उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में गैर हिन्दू धर्मावलंबियों के प्रवेश पर पहले की तरह ही प्रतिबंध रहेगा लेकिन वे परिक्रमा करने को स्वंतत्र होंगेवर्मा ने बोला कि परिक्रमा के निर्माण से पहले ओडिशा के ऑफिसरों के दल ने काशी विश्वनाथ सहित अन्य मशहूर मंदिरों का दौरा किया और वहां हासिल अनुभवों के आधार पर जगन्नाथ मंदिर गलियारे के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया गया उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के दौरान मंदिर से जुड़े सभी सुरक्षा पहलुओं का खास ध्यान रखा गया है और इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग की शर्तों का भी ध्यान रखा गया

ओडिशा गवर्नमेंट ने यह कार्यक्रम ऐसे समय में रखा है जब 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होना है और इसकी जोरशोर से तैयारियां भी चल रही हैं क्षेत्रीय जानकारों ने कहा कि बीजेपी (भाजपा) जिस तरह से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के माध्यम से सियासी फायदा लेने की प्रयास कर रही है, उसी प्रकार ‘प्रभु जगन्नाथ’ के इस प्रकल्प को साकार कर यहां का सत्तारूढ़ बीजू जनता दल हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में मजबूत करने का कोशिश कर रहा है इस वर्ष लोकसभा और ओडिशा विधानसभा के चुनाव एकसाथ हो सकते हैं

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