भारत ने इजरायल से वापस आने के इच्छुक भारतीयों के लिए ‘ऑपरेशन अजय’किया शुरू
Indians in Israel: इजरायल और हमास के बीच जंग का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे इजरायली सेना के जवानों और हमास के लड़ाकों के साथ ही आम नागरिकों के जीवन पर भी संकट पैदा हो चुका है। दोनों तरफ से हो रहे हमलों में हजारों नागरिकों की मृत्यु हुई है, तो हजारों घायल हो चुके हैं। ऐसे में हिंदुस्तान ने इजरायल से वापस आने के इच्छुक हिंदुस्तानियों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ प्रारम्भ कर दिया है। इसके अनुसार पहला जत्था आज हिंदुस्तान पहुंचने की आशा है। विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने कहा कि ‘ऑपरेशन अजय’ में विशेष चार्टर फ्लाइट्स का व्यवस्था किया जा रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बोला कि हम विदेश में उपस्थित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। इजरायल में भारतीय दूतावास एक्टिव है। भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों की सहायता के लिए 24 घंटे का हेल्पलाइन नंबर और ई-मेल आईडी जारी की है। इस बीच इजरायल में रह रहे भारतीय प्रवासियों ने राष्ट्र की सेना पर भरोसा जताया है। उनका बोलना है कि वे शांति से इजरायल में ही रहना चाहते हैं। वहीं, इजरायल में हिंदुस्तान के राजदूत संजीव सिंगला ने भारतीय प्रवासियों से बोला है कि मौजूदा स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रखी जा रही है। दूतावास भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है। जानते हैं कि इजरायल में कितने हिंदू और दूसरे धर्मों को मानने वाले भारतीय रहते हैं?
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इजरायल में भारतीय मूल के 85 हजार यहूदी
भारतीय दूतावास के मुताबिक, युद्ध से प्रभावित इजरायल में इस समय भारतीय मूल के करीब 85,000 लोग यहूदी समुदाय से हैं। हिंदुस्तानियों के इजरायल जाकर बसने का सिलसिला 50 और 60 के दशक में तेजी से बढ़ा था। इजरायल जाकर बसने वालों में सबसे ज्यादा तादाद महाराष्ट्र के लोगों की है। इन्हें इजरायल में बेने इजरायली बोला जाता है। इसके बाद कुछ कम संख्या केरल के लोगों की है। केरल से गए ज्यादातर लोग कोचीनी यहूदी हैं। वहीं, कोलकाता से इजरायल जाने वालों में ज्यादातर बगदादी यहूदी हैं। हाल के सालों में मिजोरम और मणिपुर से कुछ भारतीय यहूदी इजरायल में रह रहे हैं। पुरानी पीढ़ी के लोग अभी भी हिंदुस्तान के साथ गहरा रिश्ता बनाए हुए हैं। वहीं, युवा पीढ़ी तेजी से इजरायली समाज में घुलमिल चुकी है।
भारतीयों के इजरायल जाकर बसने का सिलसिला 50 और 60 के दशक में तेजी से बढ़ा था।
इजरायल में कई भारतीय किए गए सम्मानित
कोच्चि के चेन्नमंगलम में रहने वाले एलियाउ बेजेलेल ने स्वयं को इजरायल में एक प्रतिष्ठित कृषिविद् के तौर पर स्थापित कर लिया है। वह 2005 में प्रवासी भारतीय सम्मान हासिल करने वाले भारतीय मूल के पहले इजरायली भी बने थे। यरूशलम में भारतीय धर्मशाला के ट्रस्टी शेख मुनीर अंसारी को 2011 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह पवित्र शहर यरूशलम के साथ हिंदुस्तान के बेहतरीन संबंधों का अगुवाई करते हैं। भारतीय मूल के इजरायली कार्डियो-थोरेसिक सर्जन डाक्टर लेल ए। बेस्ट को 2017 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं, इजरायल के एक प्रमुख रेस्टोरेंट की मालकिन रीना विनोद पुष्करणा को व्यवसाय और सामुदायिक कल्याण के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए 2023 में सम्मानित किया गया।
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युवाओं को हिंदुस्तान से जोड़ने के लिए खास कार्यक्रम
भारतीय दूतावास इजरायल में भारतीय यहूदियों के राष्ट्रीय सम्मेलन की सुविधा उपलब्ध कराता है। इस सालाना कार्यक्रम में इजरायल में रह रहे भारतीय मूल के यहूदियों के सभी चार समूहों के करीब 5,000 लोग एक साथ आते हैं। ये सालाना सम्मेलन इजरायल के भिन्न-भिन्न शहरों में आयोजित किया है। वार्षिक सम्मेलन 2013 में रामला, 2014 में येरुहम, 2015 में फिर रामला, 2016 में किर्यत गत, 2017 में अश्कलोन और 2022 में पेटाच टिकवा शहरों में आयोजित किया जा चुका है। ‘भारत को जानो’ कार्यक्रम भारतीय मूल के युवाओं को हिंदुस्तान और भारतीयता से जोड़ने में कारगर रहा है।
भारतीय दूतावास इजरायल में भारतीय यहूदियों के राष्ट्रीय सम्मेलन की सुविधा उपलब्ध कराता है।
इजरायल में रहते हैं कितने हिंदू और भारतीय
इजरायल के कई शहरों में हिंदू जनसंख्या भी है। हालांकि, इनकी तादाद बहुत ज्यादा नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, इजरायल में कुल 6,427 हिंदू रहते हैं। वहीं, इजरायल में करीब 18,000 भारतीय नागरिक ऐसे हैं, जो मुख्य रूप से इजरायली बुजुर्गों की देखभाल, हीरा व्यापारी, आईटी प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट हैं। हिंदुस्तान के पीएम मोदी ने जुलाई 2017 में अपनी यात्रा के दौरान ऑयल अवीव प्रदर्शनी मैदान में इजरायल में काम करने वाले करीब 8000 पीआईओ और भारतीय नागरिकों की एक सभा को संबोधित किया था। वहीं, विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने भी अक्टूबर 2021 में इजरायल यात्रा के दौरान भारतीय मूल के समुदायों के साथ वार्ता की।