चीन में फैल रहे बीमारियों से बचाने के लिए भारत है सतर्क
पूरे चीन में सांस संबंधी रोंगों में अचानक आई तेजी से कोविड के शुरुआती दिनों की यादें ताजा कर दी हैं। नया वायरस निमोनिया पहले ही चीन के कई विद्यालयों को अपनी चपेट में ले चुका है, लेकिन गवर्नमेंट का दावा है कि अभी तक किसी भी असामान्य या नए बीमारी का पता नहीं चला है। अभी तक जितने भी मुद्दे सामने आएं हैं वह ज्यादातर बच्चों में दर्ज किए गए हैं। जिसके कारण माता-पिता परेशान हैं और अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ गई है। इधर, कुछ अभिभावकों ने प्रसार को रोकने के लिए अस्थायी विद्यालय बंद करने का भी आह्वान किया है।
पहला मुद्दा कब दर्ज किया गया था
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने 13 नवंबर को अज्ञात निमोनिया का पहला मुद्दा दर्ज किया था। तब से, मामलों में वृद्धि हुई है, जिनमें से अधिकतर को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। स्थिति इस हफ्ते तब सुर्खियों में आई जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों में अज्ञात निमोनिया के समूहों पर प्रोग्राम फॉर मॉनिटरिंग इमर्जिंग डिजीज (प्रोएमईडी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए चीन से अधिक जानकारी मांगी। ऐसा बोला जाता है कि यह प्रकोप मुख्य रूप से राजधानी बीजिंग में है, लेकिन उत्तरपूर्वी लियाओनिंग प्रांत और चीन के अन्य क्षेत्रों में भी है। वहीं, बीजिंग के एक प्रमुख हॉस्पिटल ने कहा है कि वे औसतन प्रत्येक दिन लगभग 1,200 रोगियों को अपने इमरजेंसी कक्ष में प्रवेश करते देख रहे हैं।
क्या हैं लक्षण ?
- बुखार
- बिना खांसी के फेफड़ों में सूजन
- ठंड लगना
- बीमार फील करना
- भूख न लगना
- छींक आना
- सूखी खांसी
क्या यह वायरस हिंदुस्तान और अन्य राष्ट्रों में फैल सकता है?
कोविड के विपरीत, माइकोप्लाज्मा एक मशहूर और सामान्य रोगाणु है जो हर कुछ वर्षों में नए प्रकोप का कारण बनता है। और अन्य वायरस भी फैल रहे हैं, विशेष रूप से आरएसवी। आसार जताई जा रही है कि इस सर्दी में पूरे विश्व के राष्ट्रों को विभिन्न प्रकार के रोगजनकों का सामना करना पड़ेगा।
कई राज्यों को तैयारी करने का किया आग्रह
भारत ने एक निर्देश जारी कर राज्यों से अपनी तैयारियों की समीक्षा करने और अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को अलर्ट पर रखने का आग्रह किया है। राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु में राज्य सरकारों ने अस्पतालों और स्वास्थ्य कर्मचारियों से श्वसन संबंधी समस्याओं की कम्पलेन करने वाले मरीजों से निपटने के लिए तैयारी सुनिश्चित करने को बोला है।
इस वायरस से कैसे सुरक्षित रहें?
डब्ल्यूएचओ ने सिफारिश की है कि प्रभावित क्षेत्रों में लोग सांस की रोंगों से बचने के लिए सामान्य नियमों का पालन करें। चाइना निमोनिया के खतरे से बचने के लिए कुछ एहतियात बरतना महत्वपूर्ण है। इसमें कोविड-19 काल के समय बरते गए एहतियात शामिल हैं।
- लक्षण उभरने पर अलग-थलग रहना
- फ्लू से प्रभावित व्यक्तियों से एक न्यूनतम दूरी बनाए रखें
- परीक्षण कराना या मास्क पहनें
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
- अपनी आंखों, नाक या मुंह को अनावश्यक रूप से छूने से बचें।
- खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टिशू से ढकें।
- कहीं से आने पर बार-बार अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं।
- इस रोग से बचने के लिए पर्याप्त नींद सुनिश्चित करें
- रेगुलर रूप से फिजिकल एक्टिविटी में संलग्न रहें
- तनाव को कारगर ढंग से मैनेज करें।
- स्वस्थ रहने के लिए खूब सारा पानी पिएं और पौष्टिक आहार लेकर हाइड्रेटेड रहें