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बनना हैं IAS ऑफिसर, तो इन तीन गलतियों पर दें ध्यान

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा (यूपीएससी) को पहले ही अटेंप्ट में क्रैक किया जा सकता है इसके लिए मेहनत और डिवोशन के साथ ही ठीक स्ट्रैटेजी बनाना भी महत्वपूर्ण है हमारे सामने ऐसे कई सिविल सर्वेंट्स के उदाहरण हैं, जिन्होंने अपने पहले ही कोशिश में यह परीक्षा पास कर सरकारी जॉब हासिल की है यूपीएससी की तैयारी को एस्पिरेंट्स को एक यात्रा मानकर चलनी चाहिए इससे आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहेंगे

इस यात्रा में अखबारों और पत्रिकाओं से दोस्ती कर लें और राइटिंग यानी लेखन को अपनी हॉबी बना लें रोमन सैनी, रेनू राज, अर्तिका शुक्ला, टीना डाबी (Tina Dabi IAS), सौम्या शर्मा, सृष्टि जयंत देशमुख, कनिष्क कटारिया जैसे आईएएस अफसरों ने यह परीक्षा फर्स्ट अटेंप्ट में ही पास की है अब आपको बताते हैं कि वो कौन सी तीन गलतियां हैं, जो एस्पिरेंट्स को आईएएस बनने से रोक देती है इसके लिए हमने बात की जीएस स्कोर के फाउंडर और शिक्षाविद मनोज झा से

इन तीन गलतियों पर दें ध्यान

1) अनसेटल्ड प्रिपरेशन: एस्पिरेंट्स ये गलती काफी अधिक करते हैं कि उनकी प्रिपरेशन पूरी ढंग से सेटल नहीं होती ऐसे में वो नए -नए एक्सपेरिमेंट तैयारी के दौरान करने लगते हैं सबके पढ़ने का तरीका अलग होता है आपको बस उस ढंग से पढना है, जिसमें आप कंफर्टेबल हो बाजार में वैसे ही बहुत सारे स्टडी मटेरियल उपस्थित हैं पर आपको ध्यान रखना है कि आप एक सेल्फ- डिसिप्लिन के साथ तैयारी करें

2) अनऑर्गेनाइज्ड प्रिपरेशन: दरअसल ये गलती काफी आम है एस्पिरेंट्स आरंभ में केवल प्रिलिम्स के लिए पढ़ाई करता है, फिर बाद में बिल्कुल से मेंस एग्जाम का बर्डन बढ़ जाता है डे -1 से ही मेंस एग्जाम और आंसर राइटिंग के लिए तैयारी करनी चाहिए एक ऑर्गेनाइज्ड प्रिपरेशन की आवश्यकता इसलिए होती है कि कम समय में अधिक पढ़ाई की जा सके

3) मॉक टैस्ट को नजर अंदाज: कुछ कैंडिडेट अपना एग्जाम फर्स्ट एटेम्पट में केवल इसलिए निकाल लेते हैं, क्योंकि उन्होंने काफी मॉक टेस्ट दिए होते हैं कैंडिडेट को मॉक टेस्ट कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए ये बताता है कि आपकी तैयारी किस चरण पर है मॉक टेस्ट से एसपिरेंट को पता चल जाता है कि कहां गलती हो रही है

अक्सर इस एग्जाम की तैयारी कर रहें विद्यार्थी डीमोटीवेट हो जाते हैं उनके लिए मनोज झा कहते हैं कि विद्यार्थियों को ये समझना चाहिए कि आपने एक हाई चैलेंज को अपनाया है दुनिया का कोई भी ऐसा एग्जाम जिसमें सक्सेस दर कम है तो वहां चुनौतिया भी होंगी इसलिए अपनी मेहनत पर विश्वास रखना चाहिए

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