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हरसूद ने अपने 33 वर्षीय राजनैतिक सफर की सबसे प्रचण्ड जीत की हासिल

खंडवा: मध्य प्रदेश की बीजेपी गवर्नमेंट में मंत्री रहने वाले शाह हरसूद ने अपने 33 वर्षीय सियासी यात्रा की सबसे प्रचण्ड जीत हासिल की है 60 हजार वोटों से अधिक अंतर की यह जीत कुल मतों का 64.32 फीसदी है इतनी बड़ी जीत से उत्साहित होना स्वाभाविक ही है खंडवा जिले के आदिवासी बहुल अंचल हरसूद से विजय शाह साल 1990 में पहली बार केवल 28 साल की उम्र में पहली बार बीजेपी से यहां विधायक चुने गए थे तत्पश्चात, उन्होंने अपना ऐसा जादू दिखाया कि एक के बाद एक लगातार 8 विधानसभा चुनाव वे सतत जीतते रहे यह क्षेत्र न केवल भाजपा बल्कि उनकी निजी लोकप्रियता का भी गढ़ बन गया इस बीच कांग्रेस पार्टी ने यहां सेंध लगाने का हरसंभव कोशिश किया मगर हर बार उसे असफलता हासिल हुईं

विशेष बात यह है कि अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित इस विधानसभा क्षेत्र में कोरकू आदिवासी की जनसंख्या अधिक है जबकि विजय शाह मकड़ाई राजवंश के गोंड परिवार से आते है, तब भी उन्होंने कोरकू समुदाय में अपनी गहरी पैठ बना ली है इस बार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुखराम साल्वे ने कोशिश भी किया कि कोरकू समुदाय को एकजुट किया जाए, मगर वे इसमें पूरी तरह असफ़ल रहे यहां कुल मतदान 1,80,666 वोटों का हुआ था जिसमे से विजय शाह को 1,16,220 मत मिले जो कुल वोटों का 64.32 फीसदी है

मध्यप्रदेश में अनेक मंत्री चुनाव हारे हैं, कांग्रेस पार्टी के भी कई दिग्गजों को मतदाताओं ने नकार दिया है लगातार एक ही आदमी के प्रतिनिधि चुने जाने से चेहरों के प्रति जहां ऊब भी उनकी हार का कारण बने है भाजपा ने खंडवा जिले में ही दो विधानसभा क्षेत्रों खंडवा तथा पंधाना से अपने सिटिंग MLA को पुनः टिकट इसलिए नहीं दिया कि उन्हें संभावना थी कि कहीं जनता उन्हें नकार न दे ,ऐसे में किसी आदमी का लगातार 8 बार चुनकर आना यक़ीनन बड़ी उपलब्धि है जीत के आंकड़े में लगातार वृद्धि भी यही संकेत करती है कि उनकी जड़ें हरसूद में गहरी जम चुकी हैं

 

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