उड़ान की दूरी के आधार पर लगेगा 1,000 रुपये तक का ईंधन शुल्क
Indigo Fare Hike: हिंदुस्तान में पिछले तीन महीने में विमान टरबाइन ईंधन (ATF) की कीमतों में वृद्धि का असर अब हवाई किरायों पर दिखना प्रारम्भ हो गया है। आज से इंडिगो ने1,000 रुपये तक उड़ान की दूरी के आधार पर का ईंधन शुल्क लगाने की घोषणा की है। भारतीय विमानन क्षेत्र अक्टूबर और दिसंबर के बीच अपने चरम यात्रा सीजन पर होता है। जानकारों के अनुसार, हवाई किराए में ईंधन शुल्क बढ़ाने से इंडिगो के यात्रियों पर काफी असर पड़ने का अनुमान है। एटीएफ की लागत भारतीय वाहकों के लिए सबसे बड़ा व्यय है, जो उनके कुल राजस्व का लगभग 45 फीसदी उपभोग करती है। 1 जून से 1 अक्टूबर के बीच, दिल्ली में एटीएफ की कीमतें 32.4 फीसदी बढ़कर 1.18 लाख रुपये प्रति किलोलीटर (केएल) तक पहुंच गईं। उद्योग के ऑफिसरों ने संकेत दिया है कि कुछ अन्य घरेलू एयरलाइंस अपने हवाई किराए में ईंधन शुल्क जोड़कर इंडिगो की तरह अपना किराया बढ़ा सकती है। हालांकि, विस्तारा के एक अधिकारी ने बोला कि एयरलाइन अपने हवाई किराए में ऐसा कोई अतिरिक्त शुल्क जोड़ने नहीं जा रही है।
300 रुपये कम से कम बढ़ा किराया
इंडिगो ने 500 किलोमीटर (किमी) तक की उड़ानों के लिए 300 रुपये और 501 से 1,000 किलोमीटर तक की उड़ानों के लिए 400 रुपये का ईंधन शुल्क लगाया है। इस तरह की श्रेणीबद्ध वृद्धि सभी उड़ान श्रेणियों पर लागू की गई है, जिसमें 3,501 किमी और उससे अधिक की दूरी तय करने वालों को 1,000 रुपये का ईंधन शुल्क देना होगा। इंडिगो के एक अधिकारी ने बोला कि एयरलाइन की लगभग 60 फीसदी उड़ानें 1,000 किमी रेंज में थीं। यह पहली बार नहीं है कि इंडिगो ने फ्यूल चार्ज लागू किया है। मई 2018 में, एयरलाइन ने एटीएफ की कीमतों में पर्याप्त वृद्धि की भरपाई के लिए एक समान घटक पेश किया था। बाद में, एटीएप की कीमतें कम होने पर इसे हटा दिया गया। विमानन विश्लेषक और विमानन ब्लॉग नेटवर्क थॉट्स के संस्थापक अमेया जोशी ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिये साक्षात्कार में कहा कि गुरुवार की घोषणा के परिणामस्वरूप इंडिगो के हवाई किराए में अधिकतर क्षेत्रों में कुल मिलाकर 1,000 रुपये से कम की वृद्धि होगी। उन्होंने बोला कि यह ईंधन अधिभार सभी एटीएफ मूल्य वृद्धि का ध्यान नहीं रखेगा और इसलिए, एयरलाइन बेस हवाई किराया भी बढ़ा सकती है।
पीक सीजन में महंगी होगी उड़ान
अमेया जोशी ने बोला कि अन्य एयरलाइंस भी इंडिगो का अनुसरण कर सकती हैं। नतीजतन, पीक ट्रैवल सीजन के दौरान हवाई यात्रा महंगी हो सकती है। इंडिगो ने गुरुवार शाम एक बयान में बोला कि वह गुरुवार आधी रात से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर ईंधन शुल्क लगा रही है। यह फैसला एटीएफ की कीमतों में वृद्धि के बाद लिया गया है, जो पिछले तीन महीनों में हर महीने लगातार कीमतों में बढ़ोतरी के साथ बढ़ी है। इस मूल्य निर्धारण संरचना के तहत, इंडिगो उड़ानों की बुकिंग करने वाले यात्रियों को सेक्टर के आधार पर, प्रति सेक्टर ईंधन शुल्क लगेगा। फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ भारतीय टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी के मानद सचिव राजीव मेहरा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को कहा कि हवाई किराए में कोई भी वृद्धि यात्रियों के हितों के लिए नुकसानदायक थी और त्योहारी सीजन से पहले यह दोहरी मार थी।
विमान सेवा कंपनियों को होगा नुकसान
विमानन विश्लेषक और विमानन ब्लॉग नेटवर्क थॉट्स के संस्थापक अमेया जोशी ने बोला कि हवाई किराये पहले से ही ऊंचे हैं और त्योहारी सीजन में इसके और बढ़ने से इस क्षेत्र को हानि होगा। हालांकि, एयरलाइंस को भी अपनी आय की रक्षा करने की आवश्यकता है क्योंकि एटीएफ की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। हमें पूरी आशा है कि यह एकमुश्त तरीका है और जब एटीएफ की कीमतें कम हो जाएंगी तो यह अधिभार वापस ले लिया जाएगा। राज्य के स्वामित्व वाली भारतीय ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड पिछले महीने की औसत अंतर्राष्ट्रीय मूल्य के आधार पर हर महीने के पहले दिन एटीएफ की कीमतों में संशोधन करती हैं।