इजरायल-हमास के बीच चल रहे भीषण युद्ध पर (जेएनयू) की पूर्व छात्रा नेता शेहला राशिद ने दिया बड़ा बयान, कहा- मोदी और अमित शाह को देना चाहती हूं…
इजरायल-हमास के बीच चल रहे भयंकर युद्ध पर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की पूर्व विद्यार्थी नेता शेहला राशिद ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बोला कि कश्मीर गाजा नहीं है। आज कश्मीर में बदली हुई स्थिति का पूरा श्रेय मैं पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को देना चाहती हूं। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेएनयू की पूर्व छात्रा की यह टिप्पणी तब आई है, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पहले कश्मीर में पत्थरबाजों के प्रति नरम थीं।
जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद ने जम्मू और कश्मीर में परिवर्तन के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “कश्मीर में बदली हुई हालात के लिए वर्तमान गवर्नमेंट ने ऐसी राजनीति स्थिति तय की, जो रक्तहीन हो। इन सभी चीजों के लिए किसी को आगे आने की आवश्यकता थी और इसके लिए, मैं वर्तमान गवर्नमेंट को पूरा श्रेय देना चाहूंगी, खासकर पीएम और गृह मंत्री को।”
दरअसल, एएनआई से वार्ता में शेहला से प्रश्न पूछा गया कि क्या वे कश्मीर में पत्थरबाजों के प्रति नरम थीं? उत्तर में उन्होंने बोला कि हां मैं 2010 में ऐसा करती थी। लेकिन आज जब मैं देखती हूं तो इसके लिए वर्तमान गवर्नमेंट की बहुत आभारी हूं। कश्मीर गाजा नहीं है क्योंकि, कश्मीर केवल उग्रवास और घुसपैठ के आगे-पीछे विरोध प्रदर्शन और छिटपुट घटनाओं का गवाह था। लेकिन, आज ऐसा नहीं है, इसका पूरा श्रेय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को जाता है।
यह पहली बार नहीं था जब राशिद ने जम्मू और कश्मीर के हालात की प्रशंसा की हो। इससे पहले, इसी वर्ष अगस्त में, रशीद, जो 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 रद्द करने के मोदी गवर्नमेंट के निर्णय के मुखर आलोचक थीं, उन्होंने जम्मू कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के निर्णय पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट की प्रशंसा की थी। रशीद ने घाटी में मानवाधिकार की स्थिति में सुधार के प्रयासों के लिए केंद्र गवर्नमेंट और जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल को धन्यवाद भी दिया था।
एएनआई से बात करते हुए, राशिद ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से जुड़े विवादों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने उस बारे में भी बात की, जब उमर खालिद और तत्कालीन जेएनयू विद्यार्थी संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के सिलसिले में देशद्रोह के इल्जाम में अरैस्ट किया गया था। शेहला राशिद ने कहा, “यह केवल हम तीनों के लिए जीवन बदलने वाला नहीं था, पूरे यूनिवर्सिटी को उस घटना के रिज़ल्ट भुगतने पड़े, क्योंकि जेएनयू से संबंधित किसी भी चीज के विरुद्ध बहुत अधिक प्रतिक्रिया हो रही थी।”