विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी में घुसकर पूरे यूरोप में मचाया धमाल,
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बोला कि हिंदुस्तान चीन के साथ व्यापार करने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन इस बात को भी चिन्हित किया कि मामला किस क्षेत्र में और किन शर्तों को लेकर है. बर्लिन में एक सम्मेलन में विदेश मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब चीन ने 2020 की सीमा झड़पों के बाद तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद 2023-2024 में अमेरिका को पीछे छोड़ नयी दिल्ली का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है. हालाँकि हिंदुस्तान ने बाद में वीज़ा पर रोक लगा दिया, लेकिन नयी दिल्ली और बीजिंग के बीच वाणिज्यिक गतिविधियाँ पिछले सालों में बढ़ी हैं.
वार्षिक राजदूत सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने बोला कि चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक प्रीमियम निर्माता है. हम चीन से व्यापार करने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसा कोई नहीं है जो कह सके कि मैं चीन के साथ व्यापार नहीं करूंगा. मुझे लगता है कि मामला यह है कि आप किन क्षेत्रों में व्यापार करते हैं और किन शर्तों पर व्यापार करते हैं. इसमें ब्लैक एंड व्हाइट जैसा कुछ नहीं है.‘ इस सम्मेलन में जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक और दिल्ली में जर्मन राजदूत डाक्टर फिलिप एकरमैन भी उपस्थित रहे उल्लेखनीय है कि 2024 वित्तीय साल के अंत में दोनों पड़ोसियों के बीच माल का व्यापार 118.41 बिलियन $ था, बीजिंग ने तीन वर्ष बाद नयी दिल्ली के शीर्ष व्यापारिक भागीदार के रूप में अपना जगह फिर से हासिल कर लिया. इसमें से चीन से भारतीय आयात 101.74 बिलियन $ था, जबकि इसका निर्यात लगभग 16.66 बिलियन $ था