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पहली बार शून्यकाल में सरकार ने सकारात्मक उत्तर देकर नई परंपरा की शुरू

नई दिल्ली: वर्तमान लोकसभा की आखिरी बैठक शनिवार को खत्म हुई और निचले सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई इस 17वीं लोकसभा में कामकाज की उत्पादकता 97 फीसदी रही और अनुच्छेद 370 हटाने और स्त्री आरक्षण से संबंधित कई जरूरी विधेयक पारित किए गए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन अपने संबोधन में बोला कि इस लोकसभा में 97 फीसदी उत्पादकता रही जिसमें विशेष रूप से स्त्री सांसदों की भागीदारी रही सदन की बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और विभिन्न दलों के नेता मौजूद थे

बिरला ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए गर्व का विषय रहा कि इस सत्र में नारी वंदन विधेयक पारित हुआ…यह स्त्री सशक्तीकरण में अभूतपूर्व उपलब्धि थी” उन्होंने बोला कि कई ऐतिहासिक विधेयक इस लोकसभा में पारित किए गए  बिरला का बोलना था, ‘‘हमने भारतीय चिंतन को आगे बढ़ाने के लिए कानून पारित किए” उन्होंने कहा, ‘‘17वीं लोकसभा इसलिए भी विशेष है कि हिंदुस्तान के अमृतकाल में संसद के पुराने भवन और नये भवन दोनों में अपने संसदीय दायित्वों को हमने निभाया

उन्होंने बोला कि इस लोकसभा में पहली बार शून्यकाल में गवर्नमेंट ने सकारात्मक उत्तर देकर नयी परंपरा प्रारम्भ की बिरला ने भावुक होते हुए बोला कि संसद के सभी सदस्यों से उनका जुड़ाव हो गया है और सभी परिवार की तरह बन गए हैं उन्होंने अपने कार्यकाल में कुछ सदस्यों को अनुशासनहीनता के लिए निलंबित किये जाने जैसे फैसलों का उल्लेख करते हुए बोला कि वह पर्सनल रूप से कभी इस तरह के कदम उठाने के पक्षधर नहीं रहे और उन्हें इस तरह के फैसलों का दुख हुआ

बिरला ने बोला कि भविष्य में सभी सदस्य इस सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाकर रखेंगे, वह ऐसी आशा रखते हैं उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन की उच्च परंपरा, परिपाटियां और प्रतिष्ठा रही हैं मैंने भी पूर्ववर्ती अध्यक्षों की तरह इन्हें बनाकर रखने का कोशिश किया है” उन्होंने बोला कि 17वीं लोकसभा में कुल मिलाकर 222 कानून पारित किए गए

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