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ईडी ने बंगाल राशन वितरण मामले में पहली चार्जशीट की दाखिल

सूत्रों ने बोला कि इल्जाम पत्र में जो दो हाई-प्रोफाइल नाम सामने आए हैं, वे पश्चिम बंगाल के वर्तमान वन मंत्री और पूर्व राज्य खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और कोलकाता स्थित व्यवसायी बाकिबुर रहमान के हैं

दोनों को राशन वितरण मुद्दे में कथित संलिप्तता के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने अरैस्ट किया था रहमान वर्तमान में दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में हैं मंत्री को राज्य संचालित एसएसकेएममेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है

सूत्रों ने बोला कि दो व्यक्तियों का नाम लेने के अलावा, केंद्रीय एजेंसी के ऑफिसरों ने पहले आरोपपत्र में 10 फर्जी कॉरपोरेट संस्थाओं का भी जिक्र किया है, जो कथित घोटाले की गलत कमाई की कार्यवाही को दिशा देने और भटकाने के लिए खोले गए थे

सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र में यह भी कहा है कि कैसे अरैस्ट मंत्री ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ-साथ अपने करीबी विश्वासपात्रों को इन कॉर्पोरेट संस्थाओं का निदेशक बनाकर अपने पारिवारिक संबंधों को इन फर्जी संस्थाओं में संचालन किया

केंद्रीय एजेंसी के ऑफिसरों ने इन फर्जी कॉरपोरेट संस्थाओं के साथ मंत्री के करीबी विश्वासपात्र रहमान के संबंधों का भी विवरण दिया है

सूत्रों ने बोला कि इल्जाम पत्र में केंद्रीय एजेंसी के ऑफिसरों ने मुद्दे में अनियमितताओं को चलाने के लिए अरैस्ट व्यवसायी द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली का विवरण प्रदान किया है

रहमान के बारे में विवरण में यह भी शामिल है कि कैसे उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित होने वाले आटे को खुले बाजार में बेचा, खासकर पैकेज्ड आटे के विपणन में लगी कॉर्पोरेट संस्थाओं को इसके अतिरिक्त रहमान पर फर्जी किसान सहकारी समितियां खोलकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम मूल्य पर किसानों से गैरकानूनी रूप से धान खरीदने और फिर उसी धान को खुले बाजार में एमएसपी से अधिक मूल्य पर बेचने का भी इल्जाम लगाया गया है

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