इस बीच समाचार है कि गुरुवार सुबह उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किये गये। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई। आपको बता दें कि यहीं सुरंग के अंदर मजदूर फंसे हुए हैं।
सिलक्यारा सुरंग में मजदूर एंट्री प्वॉइंट से करीब 200 मीटर अंदर फंसे हैं जिनसे वॉकी-टॉकी की सहायता से वार्ता की जा रही है। सुरंग में फंसे श्रमिकों में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के मजदूर भी हैं। एक अधिकारी ने कहा कि खाने पीने को सामान अंदर भेजा जा रहा है। सुरंग के अंदर बिजली है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जहां मजदूर फंसे हैं, वहां ठीक उनके आगे 50 मीटर से अधिक मलबा पड़ा है। रेस्क्यू टीम को इस बात से परेशानी हो रही है कि सुरंग का ये हिस्सा बहुत कमजोर है। जैसे ही मलबा हटाने की प्रयास होती है, मलबा फिर से सुरंग में गिर जाता है। श्रमिकों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन, पानी, खाना, दवाई भेजने का काम जारी है।
मजदूरों को निकालने की हर संभव प्रयास अब तक असफल साबित हुई है। लेकिन आशा की जा रही है कि गुरुवार को रेस्क्यू टीम को कामयाबी हाथ लग सकती है। बचाव अभियान को बुधवार को उस समय झटका लगा, जब एस्केप टनल बनाने के लिए प्रारम्भ की गयी ड्रिलिंग को ताजा भूस्खलन की वजह से रोकना पड़ा।
सुरंग के अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों में भूस्खलन और तकनीकी कारणों से पड़ी अड़चन के बाद दिल्ली से विमानों के जरिए एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ लायी गयी।
इस बीच पिछले चार दिनों से अधिक समय से फंसे श्रमिकों के परिजन अब अपना संयम खोते नजर आ रहे हैं। श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों में हो रही देरी के विरोध में उनके परिजनों ने निर्माणाधीन सुरंग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।