भारत में घरेलू शहरी खपत के आकड़ों ने सितंबर में बनाया नया रिकार्ड, इस कारण तेजी से तेजी से बढ़ी मांग
हिंदुस्तान में घरेलू शहरी खपत के आकड़ों ने नया रिकार्ड बनाया है। त्योहारी सीजन के कारण खपत, तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जानकारों के अनुसार, कीमतों के दबाव में कमी, त्योहारी सीजन की आरंभ के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रदर्शन में तेजी से बढ़ी है। इसके कारण मांग तेजी से बढ़ी है ।
आर्थिक सलाहकार फर्म क्वांटईको रिसर्च द्वारा तैयार TRUC सूचकांक के मुताबिक कि शहरी उपभोग सूचकांक अगस्त 2023 में 0.62 से बढ़कर सितंबर 2023 में 3 महीने के उच्चतम 0.66 पर पहुंच गया। हालांकि, मई 2023 तक 0.70 के हालिया शिखर से अभी भी नीचे बना हुआ है। इसमें बोला गया है कि शहरी सुधार मजबूत यात्री गाड़ी बिक्री और हवाई यात्री यातायात के कारण हुआ। इसे खुदरा शहरी मुद्रास्फीति में कमी से सहायता मिली। ग्रामीण खपत में तेज सुधार दर्ज किया गया है।
अगस्त 2023 में सूचकांक 0.57 से बढ़कर सितंबर 2023 में 0.65 हो गयी। ट्रैक्टर की बिक्री में मौसमी तेजी के कारण और त्योहारी सीजन से पहले दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आया। सीपीआई ग्रामीण मुद्रास्फीति में सुधार से भी समर्थन मिला। आर्थिक सलाहकार फर्म ने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में खपत को ट्रैक करने के लिए सूचकांक पेश किया।
इन कारणों से मांग में आयी तेजी
फर्म की रिपोर्ट में यात्री कार की बिक्री, हवाई यातायात और अन्य उपभोक्ता रुझान जैसे कई डेटा बिंदुओं की खपत में बढ़ोतरी पर इशारा किया था, जो मुद्रास्फीति बढ़ने और ब्याज दरों के कठोर होने के कारण धीमी हो गई थी। आंकड़ों से पता चला है कि अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति चार महीने के निचले स्तर पर आ गई है, क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में नरमी आई है, जो 5% के निशान से कुछ नीचे फिसल गई है और जिद्दी मूल्य दबावों से बहुत महत्वपूर्ण राहत मिली है और संभावित ब्याज रेट की उम्मीदें जगी हैं। अगले साल में कटौती। रिपोर्ट में बोला गया है कि इस वर्ष दीपावली देर से होने के कारण त्योहारी सीजन की मांग का बल अक्टूबर 2023 में भी बरकरार रहने की आसार है।
मूडीज इन्वेस्टर्स ने वृद्धि पर कही ये बात
इसी महीने के पहले हफ्ते में मूडीज ने हिंदुस्तान के वृद्धि रेट को लेकर अनुमान जारी किया था। इसमें मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने 2023 के लिए हिंदुस्तान की आर्थिक वृद्धि रेट के अनुमान को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है। मूडीज का मानना है कि राष्ट्र में मजबूत घरेलू मांग की वजह से निकट भविष्य में वृद्धि की रफ्तार कायम रहेगी। प्रतिकूल अंतरराष्ट्रीय आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण निर्यात कमजोर रहने से मूडीज ने अपने ‘वैश्विक वृहद आर्थिक परिदृश्य-2024-25’ में बोला कि घरेलू मांग में सतत बढ़ोतरी हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रही है। मूडीज ने बोला कि हमें आशा है कि हिंदुस्तान की असली सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि रेट 2023 में करीब 6.7 प्रतिशत, 2024 में 6.1 फीसदी और 2025 में 6.3 फीसदी बढ़ेगी। हिंदुस्तान की आर्थिक वृद्धि रेट जून तिमाही में 7.8 फीसदी रही है, जो मार्च तिमाही में 6.1 फीसदी थी। घरेलू खपत और ठोस पूंजीगत व्यय और सेवा क्षेत्र की गतिविधि में तेजी से राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि मजबूत रही है।
बुलंद रहेगा हिंदुस्तान का सितारा
ग्लोबल इकोनॉमी में हिंदुस्तान को अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के एक ट्रिगर के रुप में देखा जा रहा है। ऐसे में S&P Global Marketing ने राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी रिपोर्ट में सकारात्मक रुख को बरकरार रखा है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को चालू वित्त साल 2023-24 के लिए हिंदुस्तान का वृद्धि अनुमान छह फीसदी से बढ़ाकर 6.4 फीसदी कर दिया है। अमेरिका स्थित एजेंसी ने बोला कि मजबूत घरेलू गति ने उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा कमजोर निर्यात से उत्पन्न बाधाएं दूर होती दिख रही है जिसके चलते वृद्धि अनुमान को बढ़ाया गया है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने हालांकि अगले वित्त साल 2024-25 के लिए वृद्धि अनुमान को घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया है, क्योंकि उसका मानना है कि उच्च आधार असर तथा धीमी अंतरराष्ट्रीय वृद्धि के कारण चालू वित्त साल की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में वृद्धि धीमी रहेगी। एसएंडपी ने बोला कि हमने वित्त साल 2023-24 (मार्च 2024 में खत्म होने वाले) के लिए हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को छह फीसदी से बढ़ाकर 6.4 फीसदी कर दिया है, क्योंकि मजबूत घरेलू गति उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा कमजोर निर्यात से होने वाली बाधाओं की भरपाई करती दिख रही है।