तो क्या अब शिवसेना को भी नहीं बचा पाएंगे उद्धव ठाकरे

विधायकों की बगावत से जुड़े दो Latest Update ये हैं कि अब से कुछ देर पहले शरद पवार ने मातोश्री जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है और ये मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब संजय राउत ने कल ही ये बोला था कि यदि बागी विधायक वापस मुम्बई लौट आते हैं तो शिवसेना कांग्रेस पार्टी और NCP से अपना गठबन्धन तोड़ सकती है। इसलिए इस मुलाकात को बहुत अहम बताया जा रहा है। दूसरा अपडेट ये है कि एकनाथ शिंदे गुवाहाटी से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं और दिल्ली में उनकी भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात हो सकती है। भाजपा ने एकनाथ शिंदे को राज्य गवर्नमेंट में पांच मंत्री पद और केन्द्र गवर्नमेंट में दो मंत्री पद ऑफर किए हैं।
शिवसेना के अन्य नेताओं से मिलकर उद्धव ने दिया ये संदेश
उधर, उद्धव ठाकरे ने आज शिवसेना के जिला स्तरीय नेताओं के साथ एक अहम बैठक की जिसमें BMC के कुछ पार्षदों ने भी हिस्सा लिया। असल में कोई भी पार्टी केवल विधायकों से नहीं चलती। बल्कि उस पार्टी में सांसद भी होते हैं, पार्षद भी होते हैं और पार्टी के अनेक बड़े पदाधिकारी भी होते हैं और उद्धव ठाकरे इन नेताओं के साथ बैठक करके यही बताना चाह रहे हैं कि भले उनके पास अब 55 में से 12 विधायक बचे हों। लेकिन पार्टी संगठन और अनेक बड़े नेता और कार्यकर्ता उनके साथ हैं। हालांकि हमें पता चला है कि इस बैठक में राज्य के 12 जिलों के बड़े नेता नहीं पहुंचे और हो सकता है कि ये नेता भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में हों।
उद्धव ने कहीं ये 2 बड़ी बातें
इस बैठक में उद्धव ठाकरे ने दो और बड़ी बातें कहीं। पहली ये कि वो सत्ता के लालची नहीं है, इसलिए उन्होंने इस सियासी घटनाक्रम के बाद सबसे पहले सीएम आवास, जिसे वर्षा कहते हैं, उसे छोड़ दिया और दूसरा, एकनाथ शिंदे जैसे जो नेता शिवसेना को तोड़ना चाहते हैं, वो उनके विरूद्ध अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने ये भी बोला कि ठाकरे परिवार ने एकनाथ शिंदे को पूरा सम्मान दिया और उनके बेटे को सांसद भी बनाया लेकिन इसके बावजूद आज वो बगावत कर रहे हैं।
उद्धव के पास कितने विधायक?
इस बीच एक बड़ी समाचार ये है कि शिवसेना ने कल जिन 12 विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के लिए महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को अर्जी दी थी। अब उसमें चार और बागी विधायकों का नाम शामिल किया गया है। इस तरह अब उद्धव ठाकरे शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग कर रहे हैं, जिस पर ये टकराव और भी बढ़ सकता है। क्योंकि एकनाथ शिंदे का दावा है कि इस समय उनके साथ शिवसेना के कुल 43 विधायक हैं और ये आंकड़ा दो तिहाई विधायकों की संख्या से अधिक है। शिवसेना के पास कुल 55 विधायक हैं, जिनमें दो तिहाई विधायकों की संख्या होती है 36 और उद्धव ठाकरे के पास इस समय केवल 55 में से 12 विधायक बचे हैं।
संजय राउत का बयान या धमकी?
आज शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी एक बहुत बड़ा बयान दिया। उन्होंने बोला है कि अभी शिवसेना के कार्यकर्ता सड़कों पर नहीं उतरे हैं। लेकिन जिस दिन वो सड़कों पर उतरेंगे, उस दिन जीत शिवसेना के वास्तविक सैनिकों की होगी और हमें लगता है कि ये एक तरह धमकी है। संजय राउत के इस बयान का महाराष्ट्र में असर भी दिखने लगा है और आज मुंबई के कुर्ला में शिवसेना के बागी विधायक मंगेश कुंडलाकर के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर भी हंगामा किया। इसके अतिरिक्त मुंबई में ही आज शिवसेना के एक और बागी विधायक दिलीप लांडे के सभी पोस्टर फाड़ दिए गए और उनके विरूद्ध जमकर नारेबाजी भी हुई और नाशिक में शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे के पोस्टर्स पर कालिख पोत दी गई और इस दौरान शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने उन्हें मुंबई आने की खुली चुनौती भी दी। इससे आप समझ सकते हैं कि संजय राउत के इस बयान ने कैसे शिवसेना के कार्यकर्ताओं को भड़ाकाने का काम किया है