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दिल्ली पुलिस सागर के साथ जूता बनाने के स्थान की जांच के लिए पहुंची लखनऊ

1 दिल्ली पुलिस की एक टीम संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के आरोपी सागर शर्मा को उस स्थान की जांच करने के लिए लखनऊ ले गई है, जहां उसने कथित तौर पर घटना में इस्तेमाल किए गए रंगीन धुएं के डिब्बे छिपाने वाले जूते बनवाए थे.

जांच से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “आरोपी सागर के साथ एक टीम लखनऊ पहुंच गई है और उसके घर की तलाशी लेगी और जूते बनाने की स्थान की जांच करेगी.

बुधवार को दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में प्रवेश करने में सफल रहे दो लोगों की पहचान मनोरंजन डी और सागर शर्मा के रूप में की गई है.

कर्नाटक के इंजीनियरिंग विद्यार्थी मनोरंजन और लखनऊ में ई-रिक्शा चालक सागर ने कर्नाटक के मैसुरु से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर विजिटर पास जारी करवाया था.

13 दिसंबर को दर्ज की गई दिल्ली पुलिस की एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि सागर और मनोरंजन ने सदन के अंदर रंगीन धुआं वाले कनस्तरों को ले जाने के लिए अपने जूते में एक विशेष गुहा बनवाया था.

इसमें बोला गया है कि रंगीन धुएं का इस्तेमाल “लोकसभा के वेल के अंदर करने” की योजना बनाई गई थी.

इसमें बोला गया है कि सागर और मनोरंजन, दोनों के स्‍पोर्ट्स जूतों में एक कैविटी थी, जो बाएं पैर के जूते के अंदर के सोल को काटकर बनाई गई थी और कैविटी को सहारा देने के लिए नीचे अतिरिक्त रबर सोल लगा दिया गया था.

दोनों ने सदन के अंदर धुआं के कनस्तर कैसे ले गए, इस बारेे में एफआईआर में बोला गया है : “दाएं पैर के जूते का भीतरी तलवा भी आंशिक रूप से कटा हुआ पाया गया. जूते के तलवे की मोटाई भी जूते के तलवे पर अतिरिक्त रबर लगाने से बढ़ी हुई पाई गई.

इसमें यह भी बोला गया है कि दो कनस्‍तारों में भरेे क्रिएटिव कलर स्मोक टाइप 003 जो पीले रंग के थे, इस्तेमाल किए गए. दोनों कनस्तरों को सागर और मनोरंजन ने लोकसभा के पटल पर फोड़ दिया था. पुलिस ने अंग्रेजी में मुद्रित नारा “जय हिंद” और तिरंगे में मुट्ठी की तस्वीर और हिंदी में एक नारा भी बरामद किया, जबकि एक अन्य पर्चे में मणिपुर मामले आदि पर अंग्रेजी में एक नारा था.

मनोरंजन, सागर के अतिरिक्त अन्य आरोपी हरियाणा के जिंद निवासी नीलम आजाद, महाराष्ट्र के लातूर निवासी अमोल शिंदे, राजस्थान निवासी महेश कुमावत और बिहार निवासी कथित मास्टरमाइंड ललित झा हैं. पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में उनके विरुद्ध मुद्दा दर्ज किया गया है, जिसमें उन पर धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (लोक सेवकों को सार्वजनिक कार्यों में बाधा डालना) और आईपीसी की धारा 353 (लोक सेवकों को ड्यूटी से रोकने के लिए धावा या आपराधिक बल), साथ ही यूएपीए की धारा 16 और 18 लगाई गई है.

दिल्ली की एक न्यायालय ने झा को शुक्रवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि छठे आरोपी कुमावत को भी शनिवार को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. गुरुवार को इसी न्यायालय ने बुधवार को ही अरैस्ट किए गए चार अन्य आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था

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