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दिल्ली की अदालत बृजभूषण के खिलाफ पॉक्‍सो केस बंद करने पर इस दिन लेगी फैसला

नई दिल्ली दिल्ली की एक न्यायालय ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध एक किशोरी पहलवान द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मुद्दे में दिल्ली पुलिस की रद्दीकरण रिपोर्ट को स्वीकार करने या न करने पर आदेश की घोषणा 2 मार्च तक टाल दी

पटियाला हाउस न्यायालय की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर (एएसजे) ने बोला कि मुद्दे में कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता है

पुलिस की रद्दीकरण रिपोर्ट 15 जून, 2023 को दाखिल की गई थी और पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा इसका विरोध नहीं किया गया था

1 अगस्त, 2023 को कथित पीड़िता और उसके पिता ने मुद्दे में पुलिस की रिपोर्ट पर कोई विरोध नहीं जताते हुए पुलिस जांच पर संतुष्टि जताई थी

उन्होंने एएसजे कपूर के समक्ष कक्ष में कार्यवाही में अपना बयान दर्ज कराया था

पिछले वर्ष 4 जुलाई को न्यायालय ने पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता से उत्तर मांगा था पुलिस द्वारा पटियाला हाउस न्यायालय में दाखिल की गई 550 पेज की रिपोर्ट में बोला गया था कि नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई पुष्टिकारक सबूत नहीं मिला

दिल्ली पुलिस ने कहा, पॉक्‍साे मुद्दे में जांच पूरी होने के बाद हमने सीआरपीसी की धारा 173 के अनुसार एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर मुद्दे को रद्द करने का निवेदन किया गया है

नाबालिग लड़की द्वारा लगाए गए आरोपों पर एफआईआर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्‍सो) अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के अनुसार दर्ज की गई थी

हालांकि, नाबालिग पहलवान के पिता ने बाद में आगे बढ़कर दावा किया कि उन्होंने बृजभूषण के विरुद्ध यौन उत्पीड़न की झूठी कम्पलेन दर्ज करााईई थी

पिता ने इल्जाम लगाया कि उनकी हरकतें उनकी बेटी के प्रति डब्ल्यूएफआई प्रमुख के कथित पक्षपातपूर्ण व्यवहार पर गुस्से और हताशा से प्रेरित थीं

सूत्रों के अनुसार, सीआरपीसी की धारा 164 के अनुसार नाबालिग लड़की का दूसरा बयान 5 जून को न्यायालय में दर्ज किया गया था, जिसमें उसने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का इल्जाम नहीं लगाया था

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