दारू की डील,मोदी जी और अमित शाह की जम गई जोड़ी,खूब हंसे केंद्रीय मंत्री अमित शाह
Ramdas Athawale Funny Poem: केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष रामदास अठावले (Ramdas Athawale) अपनी फनी कविता और शायरी के लिए जाने जाते हैं और संसद में अक्सर इसे सुनाते रहते हैं. रामदास अठावले ने सोमवार को दिल्ली सर्विस बिल का समर्थन किया और अपने अंदाज में विपक्ष पर निशाना साधते हुए एक कविता सुनाई, जिसे सुनकर राज्यसभा में उपस्थित ज्यादातर नेता ठहाके लगाकर हंसने लगे. रामदास अठावले ने अपने शायराना अंदाज में कांग्रेस पार्टी (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) पर चुटकी ली.
रामदास अठावले की शायरी सुन ठहाके लगाने लगे नेता
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल का समर्थन करते हुए कहा, ‘अमित भाई का इतना अच्छा आ गया है बिल, सामने वालों को हो रहा है फील. नरेंद्र मोदी जी के पास है बहुत अच्छी विल, लेकिन दिल्ली में हो रही है दारू की डील. मोदी जी और अमित शाह की जम गई जोड़ी, फिर कांग्रेस पार्टी और आप वालों की कैसे आगे जाएगी गाड़ी. मोदी जी जानते हैं जनता की नाड़ी, इसलिए मैंने बढ़ाई है दाढ़ी.’ रामदास अठावले का शायराना अंदाज सुनकर सदन में बैठे नेता ठहाके लगाने लगे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी खूब हंसे.
संसद ने दी दिल्ली सेवा बिल को मंजूरी
संसद ने सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को स्वीकृति दे दी. यह विधेयक दिल्ली में ग्रुप-ए के ऑफिसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का जगह लेगा. इस विधेयक के पक्ष में राज्यसभा में 131 वोट पड़े, जबकि इसके विरुद्ध 102 मत पड़े. यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है.
विधेयक पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने दिया जवाब
विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बोला कि दिल्ली में ऑफिसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश के जगह पर लाए गए विधेयक का मकसद राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के हितों की रक्षा करना है, आम आदमी पार्टी (आप) गवर्नमेंट के हितों को हथियाना नहीं. अमित शाह ने बोला है कि विधेयक का उद्देश्य दिल्ली में ‘भ्रष्टाचार विहीन और लोकाभिमुख शासन’ है. उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी शासन में जो प्रबंध थी, उसमें इस विधेयक के माध्यम से किंचित मात्र भी बदलाव नहीं हो रहा है. उन्होंने बोला कि दिल्ली कई मायनों में सभी राज्यों से अलग प्रदेश है क्योंकि यहां संसद, कई संस्थाएं, सुप्रीम कोर्ट हैं वहीं कई राष्ट्राध्यक्ष यहां चर्चा करने आते हैं, इसीलिए इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. उन्होंने बोला कि यह विधानसभा के साथ सीमित अधिकार वाला केंद्र शासित प्रदेश है.