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Darshanam Mogilaiah: पद्म श्री से सम्मानित हुए, तो अब क्यों कर रहे दिहाड़ी मजदूरी…

Padma Shri Darshanam Mogilaiah: दुर्लभ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट किन्नरा (Kinnera) को रीइन्वेट करने वाले दर्शनम मोगुलैया की कहानी आपको सोचने पर विवश कर देगी. ऐसा इसलिए क्योंकि जिन मोगुलैया को दो वर्ष पहले पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. जिन्हें तेलंगाना गवर्नमेंट ने पुरस्कार के तौर पर 1 करोड़ रुपये दिए गए थे, वह दो समय की रोटी के लिए मजदूरी कर रहे हैं. मोगुलैया की आर्थिक हालत ऐसी क्यों हो गई, आइए इसके पीछे के कारण के बारे में जानते हैं.

दिहाड़ी मजदूरी कर रहे पद्म श्री अवॉर्डी

TOI में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोगुलैया इन दिनों हैदराबदा के पास एक कंस्ट्रक्शन साइट पर दिहाड़ी मजदूरी कर रहे हैं. जानकारी मिली है कि अब मोगुलैया की आर्थिक स्थिति ठीक नही है. जो भी पैसा उन्हें पुरस्कार के तौर पर मिला था वह पारिवारिक आवश्यकता को पूरा करने में खर्च हो गया. अब उनके पास दो टाइम के खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. 73 वर्ष के मोगुलैया को अब विवश होकर दिहाड़ी मजदूरी करनी पड़ रही है.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे मोगुलैया

दर्शनम मोगुलैया ने कहा कि मेरे एक बेटे को दौरे पड़ते हैं. बेटे और स्वयं की दवाओं के लिए मुझे हर महीने कम से कम 7,000 रुपये की आवश्यकता होती है. इसके अतिरिक्त रेगुलर तौर पर मेडिकल टेस्ट कराने होते हैं. अन्य खर्च भी होता है. मोगुलैया ने कहा कि पत्नी से उनके 9 बच्चे हुए. जिनमें से 3 की मृत्यु हो चुकी है. उनके 3 बच्चों की विवाह हो चुकी है और 3 अभी भी पढ़ रहे हैं.

कहां खर्च हो गया मोगुलैया का पैसा?

मोगुलैया की पत्नी का चार वर्ष पहले मृत्यु हो गया था. मोगुलैया ने कहा कि मैंने काम के लिए कई लोगों से संपर्क किया. कई लोगों ने हमदर्दी तो दिखाई और कई ने विनम्रता के साथ इंकार कर दिया. अनेक लोगों ने मेरे गौरवशाली अतीत की प्रशंसा की और मुझे थोड़ी धनराशि भी दी. लेकिन किसी ने रोजगार नहीं दिया.

दर्शनम मोगुलैया ने कहा कि तेलंगाना गवर्नमेंट की तरफ से उन्हें जो पैसा मिला था उसे उन्होंने बच्चों की शादियों में खर्च किया. इसके अलावा, हैदराबाद में एक प्लॉट भी खरीदा. उस जमीन पर मोगुलैया ने घर बनवाना भी प्रारम्भ किया था. लेकिन पैसे की कमी से उसको रोकना पड़ा.

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