राष्ट्रीय

बजट से पहले आई देश के आर्थिक सेहत की रिपोर्ट

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं बजट के घोषणा से ठीक दो दिन पहले वित्त मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है इस रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान की GDP ग्रोथ अगले वर्ष 7% रह सकती है वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए  ‘द भारतीय इकोनॉमी: ए रिव्यू’ रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय साल 2025 में हिंदुस्तान की जीडीपी 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है  रिपोर्ट के अनुसार मजबूत घरेलू मांग के चलते बीते 3 वर्ष में हिंदुस्तान की इकोनॉमी को 7% से अधिक की विकास रेट पर पहुंचा दिया है वहीं गवर्नमेंट के सकारात्मक कदमों के चलते निजी खपत और निवेश में मजबूती आई है गवर्नमेंट की ओर से राष्ट्र में मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से विकास हो रहा है, जिन सबका असर राष्ट्र की ग्रोथ पर दिख रहा है

भारत बन सकता है तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी 

वित्त मंत्रालय ने सोमवार रिपोर्ट जारी की, जिसमें बोला कि अगले तीन वर्ष में पांच लाख करोड़ $ के जीडीपी के साथ हिंदुस्तान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है वहीं लगातार हो रहे सुधारों से यह वर्ष 2030 तक 7 लाख करोड़ $ का आंकड़ा भी छू लेगा 10 वर्ष पहले हिंदुस्तान 1.9 लाख करोड़ $ के जीडीपी के साथ दुनिया की 10वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था की जनवरी माह की समीक्षा रिपोर्ट जारी किया है, जिसमें बोला है कि महामारी के असर और ग्लोबल उठापटक और खंडित वित्तीय क्षेत्र वाली अर्थव्यवस्था की विरासत के बावजूद हिंदुस्तान वित्त साल 2023-24 में 3.7 लाख करोड़ $ की अनुमानित जीडीपी के साथ पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है

2047 तक विकसित देश

10 वर्ष की यह लगातार कोशिशों और सुधारों से राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में जरूरी सहयोग दिया है इन सुधारों ने आर्थिक मजबूती भी दी है जिसकी राष्ट्र को भावी अप्रत्याशित अंतरराष्ट्रीय झटकों से निपटने के लिए आवश्यकता होगी इसी के साथ मंत्रालय ने बोला कि अगले तीन वर्षों में हिंदुस्तान के पांच लाख करोड़ $ के जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की आशा जताई गई है समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार गवर्नमेंट ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित देश’ बनने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है सुधारों की यात्रा जारी रहने पर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है  घरेलू मांग की ताकत ने पिछले तीन वर्षों में अर्थव्यवस्था को सात फीसदी से अधिक की वृद्धि रेट दी है

वित्त साल 2024-25 में असली जीडीपी वृद्धि 7 फीसदी के करीब रहने की आसार है साल 2030 तक वृद्धि रेट के सात फीसदी से अधिक रहने की काफी गुंजाइश है, हालांकि, मंत्रालय ने समीक्षा में पाया कि हालिया और भावी संरचनात्मक सुधारों के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि रेट के लिए भू-राजनीतिक संघर्षों का बढ़ा जोखिम चिंता का सबब बन सकता है  मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने समीक्षा रिपोर्ट की किरदार में बोला कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था कोविड के बाद अपने पुनरुद्धार को कायम रखने के लिए संघर्ष कर रही है और सप्लाई चेन में मुश्किलों के बावजूद कुछ झटके 2024 में भी लौट आए हैं यदि ये झटके कायम रहते हैं तो पूरे विश्व में व्यापार प्रवाह, परिवहन लागत, आर्थिक उत्पादन और मुद्रास्फीति को प्रभावित करेंगे

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