राष्ट्रीय

कांग्रेस विधायक के. बाबू ने की बेईमानी, जिससे चुनाव के परिणाम पर पड़ा असर

 सुप्रीम न्यायालय ने सोमवार को सीपीआई (एम) नेता एम स्वराज द्वारा कांग्रेस पार्टी विधायक के बाबू के विरुद्ध 2021 में केरल विधान सभा के लिए थ्रिपुनिथुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव के संबंध में दाखिल की गई याचिका पर उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा

कांग्रेस विधायक के बाबू ने केरल हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, न्यायालय ने स्वराज की याचिका पर उनकी प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया था

शीर्ष न्यायालय की पीठ ने बोला कि बाबू द्वारा उठाई गई आपत्तियों में कोई दम नहीं है और हाई कोर्ट के आदेश में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है

2021 के विधानसभा चुनाव में बाबू से हारने वाले स्वराज ने बाबू के चुनाव को अमान्य घोषित करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था

स्वराज ने अपनी याचिका में कहा कि बाबू ने बेईमानी की, जिससे चुनाव के रिज़ल्ट पर असर पड़ा

स्वराज की कम्पलेन में बोला गया है कि बाबू ने कथित तौर पर हिंदू मतदाताओं को पर्चियां बांटीं, जिनमें ईश्वर अयप्पा की तस्वीर के साथ लिखा था, “आपका वोट अयप्पा के लिए है”

इसके बाद बाबू ने हाई कोर्ट के समक्ष एक याचिका दाखिल की जिसमें प्रारंभिक विरोध जताई गई कि स्वराज द्वारा दाखिल चुनाव याचिका में गुनाह हैं, लेकिन हाई कोर्ट ने बाबू के विरुद्ध चुनाव मुख्य याचिका की सुनवाई आगे बढ़ाने का निर्णय किया, जिसके बाद उन्होंने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

बाबू ओमन चांडी गवर्नमेंट (2011-16) में राज्य के उत्पाद शुल्क मंत्री थे

उन्होंने 1991 से थ्रिपुनिथुरा का अगुवाई किया और 2016 के विधानसभा चुनावों में पहली बार स्वराज से हार गए, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने सीट फिर से हासिल कर ली

 

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